भोपाल। पुनर्योजी कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले ग्राम भाटखेड़ी, जिला नीमच के प्रगतिशील किसान एवं बैंबू मैन श्री कमलाशंकर विश्वकर्मा का चयन प्रतिष्ठित “प्रो. रत्तन लाल अवॉर्ड्स फॉर एक्सीलेंस इन रिजनरेटिव एग्रीकल्चर – 2025” के अंतर्गत “प्रोग्रेसिव रिजनरेटिव फार्मर (इंडिविजुअल)” श्रेणी के लिए किया गया है। यह पुरस्कार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) कृषि मंत्रालय के अधीन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सॉइल साइंस (IISS), भोपाल तथा अंतरराष्ट्रीय संस्था सॉलिडैरिडैड द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाता है। पुरस्कार वितरण समारोह 5 दिसंबर 2025 (शुक्रवार) को भोपाल स्थित होटल मैरियट में आयोजित होगा, जिसमें श्री विश्वकर्मा को विशिष्ट अतिथि के रूप में भी आमंत्रित किया गया है। यह सम्मान उन्हें मृदा स्वास्थ्य सुधार, जैविक एवं रिजनरेटिव खेती की उन्नत तकनीकों को अपनाने तथा क्षेत्र के अन्य किसानों के बीच इनके सफल प्रसार के लिए प्रदान किया जा रहा है। श्री विश्वकर्मा कृषि विभाग, आत्मा परियोजना, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं सॉलिडैरिडैड संस्था के साथ जुड़कर विगत तीन वर्षों से पुनर्योजी कृषि का अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने इस चयन को क्षेत्र के सभी किसानों और सहयोगी संस्थाओं की सामूहिक उपलब्धि बताया है तथा भविष्य में भी मिट्टी की उर्वरता संरक्षण, जल-संरक्षण और पर्यावरण–अनुकूल खेती की दिशा में निरंतर कार्य करने का संकल्प दोहराया है।