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नीमच हेडलाइंस खबर का असर अवैध कॉलोनी के मामले में प्रशासन हुआ सख्त जावद ओर मनासा में अधिकारियों ने भूमाफियाओं पर नकेल कसने की कर दी तैयारी

Neemuch headlines November 20, 2025, 8:30 am Technology

काईद जौहर ओर अभिषेक की बढ़ी मुश्किले साथ देने वाले अन्य लोग भी बनेंगे आरोपी

नीमच। पिछले दिनों नीमच हेडलाइंस ने जावद में भूमाफियाओं द्वारा दिव्यांग की जमीन पर अवैध रूप से कॉलोनी काटने के एक मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था वही एक अन्य मामला मनासा का था जहाँ भूमाफिया काईद जोहर बोहरा का था, जिसने भी सर्वे नंबर 382/2 टाल वाला खेत पर प्रशासन और आम जनता को गुमराह करते हुए कॉलोनी काटी, यहां तक की काईद जौहर ने किसी प्रकार की कॉलोनी काटने की परमिशन नहीं ली थी और बिना रोड बनाये, नगर परिषद से बिना अनुमति यहां तक कि TNC से भी कोई परमिशन नही लेकर लगभग 2 दर्जन से ज्यादा रजिस्ट्रियां करवा दी थी।

इन दोनों मामलों को जनहित में गंभीरता से प्रकाशित करने के पश्चात नीमच जिला कलेक्टर द्वारा दोनों मामलों में निष्पक्ष जांच के निर्देश जारी किए गए जिसमें जावद अनुविभागीय अधिकारी विरुद्ध खेत मालिक कैलाश साहू पुष्कर साहू सहित अवैध कालोनी काटने वाले अभिषेक भारद्वाज को दिनांक 10 नवम्बर 2025 को एक कारण बताओं नोटिस जारी किया गया जिसमें स्पष्ट रूप से आदेशित किया गया कि जावद कस्बा के सर्वे नंबर 1891/3/1/1/1/1/1/1 रकबा 0.608 पर बिना कॉलोनी विकास अनुमति के प्लाट काटकर अवैध रूप से विक्रय करने पर क्यो ना आपके विरुद्ध मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 39 ग एवं मध्य प्रदेश नगरपालिका (कालोनी विकास) नियम 2021 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाए।

हालांकि इस मामले में उक्त तीनों व्यक्तियों को दिनांक 24 नवंबर 2025 को दोपहर 3:30 पर पेशी में उपस्थित होने के आदेश किये गए है। ठीक इसी प्रकार मनासा के बहुचर्चित काईद जौहर बोहरा द्वारा प्रशासन के नियमो को ताक में रखते हुए अवैध रूप से प्लाट काटकर बेच दिए मजे की बात यह है कि काईद जौहर को ना प्रशासन का डर है और ना ही आम जनता से धोखधड़ी का भय। ऐसे में एक बात सोचने वाली है कि आखिर इन जैसे लोगो की ढाल कौन है जिनके दम पर ऐसे भूमाफिया उचकते है। और आमजनता सहित प्रशासन को कुछ भी नही समझते। वही दबी जुबान में कुछ लोगों का यह भी कहना है कि ऐसे भू माफिया अन्य लोगों को बड़े जोर-शोर से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने का दावा करते हैं परंतु प्रशासन का डंडा चलने पर यह बात साफ हो जाती है कि इन जैसे लोगों को कोई राजनीतिक संरक्षण प्राप्त नहीं होता। बल्कि इनके झूठ का पर्दा भी आम जनता के सामने बेनकाब हो जाता है। क्या है मामला :- आपको बता दे कि शिकायतकर्ता बुरहानुद्दीन बोहरा ने जनसुनवाई में मनासा के झालावाड़ नीमच रोड स्थित टाल वाला खेत पर 382/2 अवैध रूप से बिना परमिशन के कॉलोनी काटने के मामले की एक लिखित शिकायत की थी जहा भूमाफिया काईद जोहर बोहरा ने नगर परिषद मनासा से भी किसी प्रकार की कोई परमिशन नही ली और अनुविभागीय अधिकारी मानसा द्वारा दो बार पत्र जारी करने के पश्चात भी उक्त माफिया ने किसी प्रकार का कोई जवाब देना उचित नहीं समझा।

प्रशासन ने शुरू की जांच :-

मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी मनासा ने तहसीलदार मनासा से प्रतिवेदन मांगा जिसमे दिनांक 12 नवम्बर 2025 को तहसीलदार मनासा ने एसडीएम को अपना प्रतिवेदन दिया जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया कि शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से कॉलोनी काटने के मामले में शिकायत के पश्चात मौजा पटवारी द्वारा काईद जोहर पिता अब्बास अली बोहरा के नाम सर्वे नंबर 382/2 पेकि रकबा 1.526 एवं 383/2 पेकि रकबा 0.077 एवं 435 रकबा 1.132 स्थित भूमि पर नगर एवं ग्राम निवेश से विकास की अनुमति लिए बिना कालोनी काटकर प्लाट बेचे गए। उक्त मामले में जांच करने के पश्चात मौजा पटवारी रिपोर्ट अनुसार उपरोक्त सभी क्रेताओ को विक्रेता काईद जौहर पिता अब्बास अली बोहरा द्वारा भूमि विक्रय की गयी। उक्त भूमि शहर के बीच में स्थित है मौके पर किसी प्रकार की कोई जल निकासी की व्यवस्था नहीं है और.. ना ही कोई विद्युत की व्यवस्था और ना ही कोई सडक की व्यवस्था है फिर भी विक्रेता द्वारा छोटे-छोटे भूखंड काटकर केताओ को रजिस्ट्री करवा दी गई है जो कि अवैध कालोनी की श्रेणी मे आत्ता है।

उक्त भूमि का कोई डायवर्सन नही करवाया गया है और नाही किसी प्रकार की कोई शासन / नगरपालिका से अनुमति प्राप्त की गई मौके पर किसी प्रकार का गार्डन व अन्य मलभूत सुविधाए जो कालोनी के लिए आवश्यक होती है उनकी कोई व्यवस्था मौके पर नही है जिससे निकट भविष्य में व्यवहारिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उक्त प्रतिवेदन के पश्चात एक बात तो साफ हो गयी कि नीमच जिले में ऐसी कई जगह है जहां पर अवैध कॉलोनीया विकसित की जा रही है, परंतु जब तक उनकी शिकायत नहीं की जाए प्रशासन भी ऐसे मामलों में दखलंदाजी नहीं करते। लेकिन जब शिकायत होती है तो प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त कार्यवाही भी करते हैं। अब देखना यह है कि उक्त दोनों मामलो में अनुविभागीय अधिकारी मनासा एवं अनुविभागी अधिकारी जावद दोनों जिला कलेक्टर महोदय के आदेश अनुसार किस प्रकार से कड़ी कार्यवाही करते है।

जिससे भविष्य में कोई अन्य भूमाफिया इस प्रकार कूट रचना करते हुए आम जनता और प्रशासन के साथ धोखाधड़ी न कर सके।

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