जीरन। गुरु संसार में सबसे श्रेष्ठ है, विश्व के समस्त महापुरुष अपने गुरु के आशीर्वाद से ही महान बने हैं। भगवान राम, भगवान कृष्ण, सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, छत्रपति शिवाजी आदि महापुरुष अपने गुरु की कृपा एवं मार्गदर्शन से महान बनें हैं, तथा संसार में पूजनीय बने हैं। परमात्मा महावीर भी नयसार के भाव में सदगुरु के संपर्क में आए तथा उनके जीव ने तीर्थंकर नाम पुण्य का अर्जन किया। गुरु गौतम स्वामी अनंत लब्धि के धारी थे उन्होंने अष्टापद पर्वत पर 1500 तापसों को प्रतिबोध दिया था तथा उन्हें केवलज्ञानी बनाने में सहयोग किया था। उक्त उदगार स्थानीय जैन आराधना भवन में वर्षावास हेतु विराजित साध्वीजी विपुल प्रज्ञा श्री जी मसा आदि ठाणा 3 ने अपने मंगल प्रवचन के दौरान कही। आराधना भवन में गुरु गौतम स्वामी की प्रमुख लब्धियों के श्लोकों के साथ गुरुपाद पूजन किया गया,
जिसमें समाजजनों ने भाग लिया। पूज्य श्री ने फरमाया के जीवन में गुरु का बड़ा महत्व होता है हमें गुरु की आज्ञा का पालन कर पूर्ण श्रद्धा के साथ उनकी सेवा करनी चाहिए। जीरन में चातुर्मास के लिए विराजित परम पूज्य साध्वी वर्या विपुल प्रज्ञा श्री जी मारासाब परमपूज्य साध्वी वर्या मोक्ष वर्षा श्री जी मारासाब के द्वारा जीरन कन्या हायर सेकण्डरी स्कूल जीरन में पहुंच कर गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर शाला परिवार के शिक्षकों व छात्राओं को गुरु पूर्णिमा का महत्व समजाया । साहेब जी ने नई युवा पीढ़ी के छात्राओं को पांच महाव्रत 1, अहिंसा (किसी जीव को मारना नही), 2 सत्य (जीवन मे सदा सत्य बोलना), 3. अस्तेय (बिना अनुमति किसी काम को नही करना )., 4. ब्रह्मचर्य (संयम का पालन), 5 अपरिग्रह (किसी भी वस्तु में मोह माया नही रखना) पूज्य साध्वी जी ने बच्चों को एकलव्य और गुरु द्रोण का उदाहरण दिया । गुरुजी ने छात्रों को मोबाइल के दुष्प्रभाव और अच्छे प्रभाव के बारे में बताया। गुरुजी ने महर्षि वाल्मीकि के पूर्व से लेकर महर्षि बनने तक का दृश्टान्त सुनाया। मा, महात्मा, व परमात्मा ये तीन हमारे उपकारी गुरु भगवंत का उपकार हमारे जीवन है सदा रहेगा इनका हमे सदा वंदन करना चाहिए। साध्वी जी ने कहा कि छात्रों को अपने गुरु का सम्मान करना चाहिए। रोज घर पे अपने माता पिता , व शाला में अपने गुरु को प्रणाम करके ही दिन की शुरुआत करने चाहिए।
साहेब जी ने जीव दया पर भी संदेश दिया कि हमे किसी जीव को मारना नही चाहिए । इस संसार मे जैसे हमे जीवन प्यार है ऐसे ही सभी जीवों को जीने का अधिकार है। अंत मे साध्वी भगवंत ने सभी को आज के दिन किसी जीव को नही मारने का संकल्प दिलाया।