07 साल से बंद पड़ा है प्राथमिक स्कूल, सिंगोली तहसील की डाबड़ाकला पंचायत में शिक्षा के लिये दर-दर की ठोकरे खा रहे बच्चें

एम डी मंसूरी July 10, 2025, 6:02 pm Technology

शिक्षा व जापान के नाम पर बड़ी बड़ी ढींगे हांकने वाले विधायक सकलेचा कब जागेंगे नींद से

झाँतला। एक और शासन प्रशासन शिक्षा को बडावा देने के लिये कई जतन कर रहा है वहीं बच्चों को स्कूल लाने के लिये तरह-तरह की योजनाये बनाकर ऐसे प्रयास किये जाते है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रह पाये वहीं बच्चों के अभिभावकों को भी कई लाभ बताकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में ऐसी व्यवस्था की जाती है कि उस गांव के बच्चें को उसी गांव में या उस गांव के पास में ही जहां भी स्कूल हो वहां उसे प्रारंभिक शिक्षा मिल सके ऐसे प्रयास किये जाते है और किये जा रहे है । वहीं जिस जगह प्राथमिक स्कूल नहीं होते है वहा स्कूल खोले जा रहे है । इतना होने के बाद भी जावद विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा के नाम पर दयनीय स्थिति नजर आ रही है यहां के विधायक ओमप्रकाश सकलेचा घोर अनदेखी से खुला हुआ प्राथमिक स्कूल भी बंद हो गया ।

जावद विधानसभा के अंतर्गत आने वाली सिंगोली तहसील की प्रमुख ग्राम पंचायत डाबड़ा कला पहली से पांचवी तक के स्कूल की बांट जो रहा है वर्तमान में वहां प्राथमिक स्कूल नहीं है वहां के मासूम बच्चे शिक्षा के लिये यहां वहां दर-दर की ठोकरें का खा रहे है। उक्त विचार व्यक्त करते हुए काँग्रेस के प्रदेश सचिव व जावद जनपद के पूर्व अध्यक्ष सत्यनारायण पाटीदार ने कहा कि सिंगोली तहसील के अंतर्गत आने वाले डाबड़ा कला ग्राम पंचायत जो कि पंचायत हेड क्वार्टर होने के बाद भी वहां पहली से पाँचवी तक का स्कूल नहीं है। जबकि वहां छठी से आठवी तक का मिडिल स्कूल है। आश्चर्य है कि आज के इस दौर में जहां शासन प्रशासन शिक्षा को बडावा देने के लिये कई प्रयास कर रहा है कई जतन कर रहा है ऐसे में प्राथमिक स्कूल नहीं होना अपने आप में जावद विधानसभा के लिये अपवाद की बात है । श्री पाटीदार ने कहा कि वर्ष 2018 से डाबरा कला में पहली से पाँचवी तक का स्कूल बंद पड़ा है। प्राथमिक स्कूल बंद हुए आज 7 साल होने आये के उसके बाद भी ना तो विधायक सकलचा की नींद खुली और ना हीं प्रशासन में बैठे जिम्मेदारों की नींद खुल रही है।

विधायक ओमप्रकाश सकलेचा शिक्षा के नाम पर बड़ी-बड़ी बात करते रहते है लोगो को जापान के नाम पर सपने दिखाते है जबकि जमीनी धरातल पर हालात जीरो हो रहे है। पाटीदार ने कहा कि डाबड़ा कला प्राथमिक स्कूल तो 2018 से बंद पड़ा है। उस समय जो भी परिस्थितिया रही, जो भी अव्यवस्था रही जिसके कारण बच्चे नहीं जा पाये। अव्यवस्थाओं के बीच वहां बच्चे कम हो गये थे। डाबरा कला 1500 जनसंख्या का पंचायत हेड क्वार्टर है। डाबरा कला की आबादी 800 के लगभग है। 2018 के पूर्व डाबड़ा कला में चलने वाला प्राथमिक स्कूल के बंद होने का जो कारण था कि वहां प्रायवेट स्कूल खुल गया था उसके बाद शासकीय प्राथमिक स्कूल में बच्चों को लाने के कोई प्रयास नहीं किये गये। बताया तो यह भी जाता है कि तत्समय वहाँ टीचर भी ठीक नहीं थे । वहीं स्कूल बिल्डिंग जीर्ण शीर्ण हो रही थी। इसीलिये बच्चों के अभिभावकों ने प्रायमरी स्कूल से बच्चों को निकाल दिया । बिल्डिंग की व्यवस्था नही होने के आदि के कारण बच्चो की संख्या कम होने से शासन ने स्कूल बंद कर दिया था। उसके 7 साल बाद भी किसी ने भी प्रायमरी स्कूल को पुनः संचालित करने हेतु कोई कदम नहीं उठाया जिसके चलते वर्तमान में शिक्षा पाने के लिये छोटे छोटे बच्चे इधर उधर भटक रहे है। गरीब आदमी बच्चों को प्रायवेट स्कूल में पड़ा नही पा रहे है, जिससे बच्चे शिक्षा से वंचित रह रहे है। विधायक सपने ना दिखाये, जमीनी धरातल पर कार्य करे :- श्री पाटीदार ने कहा कि विधायक सकलेचा जो शिक्षा के नाम पर व जापान के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करते है वे सपने दिखाने बंद करे और जमीनी धरातल पर कार्य करे। सपने दिखाने से किसी को लाभ नहीं । जमीनी धरातल पर काम करे क्योंकि जापान की बाते करने से छोटे बच्चों को शिक्षा नहीं मिल जायेगी। आप तो जमीनी धरातल पर काम करे और सत्ता के मद से बाहर निकले वे गरीब आदमी का बच्चा जो पड़ नहीं पा रहा है। उसको शिक्षा मिल सके इस हेतु डाबड़ा कला में प्राथमिक स्कूल अविलंब खुल सके ऐसे प्रयास करे। आज वहां पिछडें वर्ग का आदमी अपने बच्चों के लिये बीते 7 सालों से वहाँ शिक्षा के नाम पर ठोकरे खा रहा है।

जिला प्रशासन को भी चाहिये कि तत्काल प्रभाव से डाबरा कला में बंद प्राथमिक स्कूल पुनः खुले जिससे कि वहां के नौनिहाल बच्चों को शिक्षा मिल सके।

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