नीमच । आसक्ति के त्याग बिना मानव जीवन का कल्याण नहीं होता है। संसार दुखों से भरा है और दुखों से बना है। संसार में कभी भी सच्चा सुख नहीं मिल सकता है। संसार असार है। मनुष्य के पास सब कुछ होने के बाद भी उसके पास धर्म पुण्य परमार्थ के लिए समय नहीं है चिंतन का विषय है। यह बात मुनिराज ध्यान किर्ति विजय जी महाराज ने कही। वे श्री जैन श्वेताम्बर भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के तत्वाधान में पुस्तक बाजार स्थित नूतन आराधना भवन पर सुबह 9 बजे आयोजित अमृत प्रवचन श्रृंखला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मानव शरीर के भीतर अनेक रोग होते हैं जिसे डॉक्टर जांच के बाद ही बताता है। हम भगवान के बताएं उपदेश को सही माने और धर्म-कर्म का पुण्य कर्म करे तो हमारे जीवन का कल्याण हो सकता है। संसार की परंपरा से कभी भी सच्चा सुख नहीं मिलने वाला है। सम्यक ज्ञान दर्शन चारित्र की आराधना के बिना मानव जीवन में हमारा कल्याण नहीं हो सकता है। मानव विवाह के बाद इतराता है लेकिन अपना जीवन पशु की तरह बना लेता है। मुकेश अंबानी को भी टॉप टेन की लिस्ट में रहने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। गरीब भिखारी संत और मुकेश अंबानी भी दोनों वक्त भोजन ही ग्रहण करते हैं। सोना नहीं, पत्नी परिवार प्रतिष्ठा और पैसे के पीछे मनुष्य जन्म को खराब नहीं करना चाहिए । अपने जीवन के कल्याण के लिए हमें चिंतन करना चाहिए। भगवान पार्श्वनाथ ने सबसे ज्यादा कल्याणक किए थे इसलिए पूरे देश में पार्श्वनाथ भगवान के सबसे अधिक मंदिर है। धर्म कर्म से अज्ञानी को बचाया जा सकता है ज्ञानी मोह वाले व्यक्ति को नहीं बचाया जा सकता है। देव जीवन में भी असंख्य देवताओं की भक्ति करते हैं। संसार में रहने वाला एक भी व्यक्ति सुखी नहीं है। कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर भी मनुष्य ही फिट करता है। कंप्यूटर वही बताता है लेकिन मनुष्य का दिमाग नए-नए आविष्कार कर सकता है, 84 लाख योनि के बाद दुर्लभ मनुष्य जन्म मिलता है तो हमें ज्ञान दर्शन चरित्र भक्ति आराधना तपस्या अपने जीवन में करना चाहिए तभी हमारे जीवन का कल्याण हो सकता है। अमृत प्रवचन श्रृंखला का शुभारंभ गुरु वंदना से किया गया। नूतन आराधना भवन में प्रवचन श्रृंखला आज नूतन आराधना भवन में अमृत प्रवचन श्रृंखला में आज मंगलवार सुबह 9:15 बजे पंडित जी मसा ध्यान किर्ति विजय जी महाराज श्री द्वारा मनुष्य जीवन के 10 दृष्टांत विषय पर वर्तमान परिपेक्ष में महत्व प्रतिपादित किया जाएगा।