झांतला। जिला मुख्यालय व अन्य स्थानों पर आने-जाने के लिए परिवहन के साधन नहीं होने से आज सिंगोली तहसील के कई गांवो की जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे क्षेत्र की गरीब जनता त्रस्त व दुखी है।
जिसका संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है। गांवों में सड़कों का जाल तो बिछा दिया गया है,लेकिन परिवहन के साधन नहीं होने से लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से चलने वाली कई प्राइवेट बसों के परमिट ग्राम झांतला ,कदवासा, काकरिया तलाई, धारडी, आदि गांव के बने हुए हैं। लेकिन प्राइवेट बसों के मालिकों की मनमानी के चलते उक्त बसे इन गांवो में नहीं आ रही है। जिस कारण आम जनता को नीमच जाने के लिए कहीं टुकड़ों में व निजी साधनों से आवागमन करना पड़ रहा है। जो उनकी पहुंच से दूर होता है। इस आशय की जानकारी देते हुए सिंगोली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मनीष जैन झांतला ने बताया कि सिंगोली घाटा क्षेत्र के कई गांव आज भी आवागमन व परिवहन के साधनों का दंश झेल रहे है। लेकिन अभी तक उसकी सुध लेने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि ने इस और पहल नहीं की है। जिससे आमजन को इस पीड़ा व तकलीफ से निजात मिल सके। इस समस्या से क्षेत्र की जनता को निजात दिलाने के लिए परिवहन विभाग व जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि जिन बसों के परमिट जिन गांवो के बने हुए हैं। उन गांवो से उक्त बसों को चलाई जाए और भी नई बसों के परमिट गांवो से दिए जाएं। भौगोलिक दृष्टि से घाटे ऊपर का क्षेत्र राजस्थान की 3 दिशाओं से गिरा हुआ है। जो राजस्थान के बेंगू, चित्तौड़गढ़, मांडलगढ़ ,भीलवाड़ा, रावतभाटा ,कोटा, बिजोलिया ,बूंदी ,से जुड़ा हुआ है।
यदि परिवहन विभाग व जनप्रतिनिधि इस और ध्यान दें।व राजस्थान से चलने वाली सरकारी रोडवेज बसों के परमिट भी इन गांवों के लिए स्वीकृत कर दिऐ जाए तो काफी हद तक इन समस्याओं से निजात मिल सकती है। श्री जैन ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व परिवहन विभाग से मांग की है। की आम जन,की इस जायज व मूलभूत समस्या का तत्काल निराकरण करें। घाटा क्षेत्र के कई गांवों की दूरी जिला मुख्यालय की दूरी 100 किलोमीटर से ऊपर है। ऐसे में लोगों को कोर्ट कचहरी कलेक्टर कार्यालय आदि कार्यों के लिए नीमच आना जाना पड़ता है। अतः जिला मुख्यालय के लिए साधन होना अति आवश्यक है। परिवहन के साधनों के लिए एक समय इस क्षेत्र में दोनों राजनीतिक, दल दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस क्षेत्र में कई बसें चलवाई वह उनके परमिट इन गांवों के लिए लागू करवाये जनप्रतिनिधि भी उस समय स्थानीय नेताओं की बात को तवज्जो देते थे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को यह बात अपने ऊपर वाले नेताओं को बताकर क्षेत्र की इस जवलंत समस्या का तत्काल निराकरण करने की कृपा करें। तभी सही मायने में विकासशील व विकसित भारत की परिकल्पना साकार हो पाएगी।