भोपाल। राजधानी में बुधवार को अतिथि शिक्षकों और सरकार के बीच गतिरोध का समाधान निकल आया है। सरकार ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए 30 मिनट की बैठक में आठ प्रमुख माँगो पर सहमति जताई। इसके बाद अतिथि शिक्षकों ने अपना आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में सभी पक्षों ने समाधान के लिए खुला रुख दिखाया। बैठक में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बनी, हालांकि नियमितीकरण की प्रमुख मांग पर अभी सहमति नहीं बन सकी है। सरकार ने बाकी माँगो पर 30 सितंबर तक कार्रवाई का भरोसा दिया है और कहा कि अतिथि शिक्षकों के हित में जो भी बेहतर हो सकेगा, वह किया जाएगा।
सरकार ने आठ में से कुछ प्रमुख माँगो को स्वीकार कर लिया है, वहीं शेष माँगों पर विचार कर 30 सितंबर तक समाधान करने का वादा किया है। इसके साथ ही अतिथि शिक्षकों ने भोपाल में चल रहे अपने आंदोलन को फिलहाल विराम दे दिया है। इस मौके पर अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देते हुए उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में यह मामला जल्द हल होगा। तय समय तक कार्रवाई नहीं हुई तो फिर करेंगे आंदोलन अतिथि शिक्षकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणाओं को वर्तमान सरकार पूरा करे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार 30 सितंबर तक उनकी माँगे पूरी नहीं करती हैं तो वे दोबारा आंदोलन की राह पकड़ने को बाध्य होंगे। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा दिए गए समय तक उनकी माँगो पर निर्णय नहीं लिया जाता है तो 2 अक्टूबर को प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक भोपाल में एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि एक दिन पहले ही हज़ारों अतिथि शिक्षकों ने अपनी माँगो को लेकर भोपाल में जोरदार प्रदर्शन किया था।
इनका कहना है कि यह उनके हक की लड़ाई है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना होगा। बहरहाल, सरकार और शिक्षकों के बीच आज की सुलह से ये उम्मीद जगी है कि उनकी माँगे पूरी की जाएँगी और लंबे समय से चला आ रहे इस विवाद का पटाक्षेप होगा।