भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल के सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्रों द्वारा एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है। स्कूल के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए छात्राओं ने कहा कि उन्हें स्कूल के नियमों का पालन करते हुए अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं छात्राओं ने यह भी बताया कि उन्हें क्लासरूम साफ करने के लिए झाड़ू लगवाया जाता है और लेट आने पर बाहर खड़ा कर दिया जाता है इस प्रदर्शन के जरिए छात्राओं ने स्कूल प्रबंधन से उचित बदलाव की मांग की है। जब एमपी ब्रेकिंग के रिपोर्टर के द्वारा छात्रा सुनीता प्रधान से पूछा गया कि आप सभी लोग बाहर क्यों खड़े हैं, तो सुनीता प्रधान ने स्कूल प्रबंधन का खुलासा करते हुए बताया, कि “हमारा स्कूल का जो समय है वह बहुत ज्यादा लेट है, जिस वजह से हमें घर पहुंचते-पहुंचते शाम के 6 बज जाते हैं। उसने आगे कहा कि कुछ बच्चे पास से आते हैं लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो काफी दूर से स्कूल आते हैं तो ऐसे में हम सभी को स्कूल का समय बदलवाना है। छात्रा ने आगे कहा कि हमारी सिर्फ यह मांग है कि स्कूल का समय बदल दिया जाए ताकि हमारी छुट्टी जल्दी हो जाए और हम समय पर घर पहुंच सके।” लेट आने पर मिलती है सजा वहीं अन्य छात्रा ने बताया कि जब कभी भी हम स्कूल आने में लेट हो जाते हैं तो हमारी टीचर हमें घंटों-घंटों बाहर धूप में खड़ा रखती हैं जिस वजह से कई बार छात्राओं की तबीयत भी बिगड़ चुकी है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे यह भी बताया कि कई बार टीचर बच्चों की बेहोशी को नजरअंदाज कर देती है और इसे नाटक कहती हैं। स्कूल में सुविधाओं की कमी वहीं आगे यह भी पता चला कि छात्राओं को अच्छे से पढ़ाया भी नहीं जाता है,
छात्राओं को स्कूल कौन छोड़ने आ रहा है इस पर भी गंभीर सवाल उठाए जाते हैं साथ ही साथ छात्राओं पर भी शक किया जाता है। इसके अलावा छात्राओं ने बताया कि हमें ही हमारी क्लास की साफ सफाई करनी पड़ती है। यह भी बताया गया है कि स्कूल में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, न ही ढंग के वॉशरूम है। मितेंद्र सिंह का आरोप: ‘बेटी बचाओ’ सरकार बेटियों को नहीं दे रही सम्मान अब इस स्कूल के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो सरकार “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा देती है वह पहले अपनी बेटियों को सम्मान दें। उन्होंने आरोप लगाया है कि स्कूल में बेटियों को शिक्षा मिलनी चाहिए लेकिन इसके बजाय उन्हें सजा मिल रही है। 10 वीं और 12 वीं की छात्राओं को धरना देना पड़ रहा है और प्रदेश में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। मितेंद्र सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में बेटियों का अपमान हर दिन बढ़ता जा रहा है जो चिंता का विषय है।