नीमच । नीमच की कृषि उपज मण्डी को मॉडल मण्डी के रूप में विकसित करने और मण्डी का आधुनिकीकरण करने के संबंधमें कार्य योजना एवं प्रस्ताव तैयार कर 15 दिवस में प्रस्तुत करें। यह निर्देश कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने मंगलवार को समय सीमा पत्रों के निराकरण की समीक्षा बैठक में नीमच मण्डी सचिव को दिए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ गुरूप्रसाद, एडीएम श्रीमती लक्ष्मी गामड, सभी एसडीएम एवं अन्य जिला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर चंद्रा ने निर्देश दिए कि सभी प्रभारी अधिकारी एवं जिला अधिकारी अपने-अपने विभाग की टी.एल. का नियमित रूप से फालोअप करें और अगली टी.एल. के पूर्व कार्यवाही कर, प्रतिवेदन दर्ज करवाएं।
छात्रवृत्ति का अविलंब भुगतान करें:-
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने आदिम जाति कल्याण विभाग व्दारा संचालित विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में भुगतान की स्थिति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि बजट आवंटन प्राप्त होते ही विद्यार्थियों को तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शेष पात्र हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाने के भी निर्देश दिए।
सीएम हेल्पलाईन में सभी विभाग अपनी रैंक सुधारे:-
बैठक में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने सीएम हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों के निराकरण की विभागवार समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि सभी जिला अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी अपनी-अपनी सीएम हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों का निराकरण सुनिश्चित करें और आगामी टी.एल. के पूर्व अपने विभाग की रैंक में सुधार लाए। कलेक्टर ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि सीएम हेल्पलाईन में उनकी विभाग की रैंक 10 से कम ना रहे।
प्रस्तावित उद्योगो के लिए लैण्ड बैंक तैयार करें:-
बैठक में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम एवं महाप्रबंधक उद्योग भविष्य में प्रस्तावित नवीन उद्योगो के लिए भूमि चिन्हित कर लैण्ड बैंक तैयार करें, जिससे कि औद्योगिक निवेश को बढावा दिया जा सके।
दीनदयाल रसोई के लिए प्रस्ताव भेजे:-
बैठक में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए कि वे आवश्यकतानुसार दीनदयाल रसोई प्रारंभ करने के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाएं। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्रो के संचालन की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए।
जीर्ण शीर्ण भवनों को चिन्हित करें:-
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने सभी जिला अधिकारियों और एसडीएम को निर्देश दिए कि वे जीर्ण शीर्ण शासकीय भवनों एवं निजी भवनों को चिन्हित कर उन्हें डिस्मेंटल करने की कार्यवाही के प्रस्ताव तैयार कर भेजे और ऐसे जीर्ण-शीर्ण भवन, जिनके बरसात मे गिरने की सम्भावना हो, ऐसे भवनों को तत्काल डिस्मेंटल करने की कार्यवाही करें।