भोपाल। देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने राज्य स्तरीय कार्यक्रम में परेड का निरीक्षण किया और परेड की सलामी ली। इसी के साथ उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस जवानों को सम्मानित भी किया। सीएम ने सभी प्रदेश एवं देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ‘हमारी रणनीति स्पष्ट और संकल्पित है। हम हर गरीब और कमजोर व्यक्ति को समृद्धि और सुरक्षा की ओर ले जाना। हम न केवल योजनाएँ बना रहे हैं, बल्कि उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं।’
लाल परेड ग्राउंड पर सीएम डॉ. मोहन यादव का प्रदेश के नाम संबोधन ड़ॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में आज 15 अगस्त को पहली बार लाल परेड ग्राउंड पर तिरंगा फहराया। स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के नाम अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि ’78वें स्वतंत्रता दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएँ। आज का पावन दिन भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले वीरों, राष्ट्रभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों के पुण्य-स्मरण का अवसर है। आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से वैभवशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। भारत की अर्थव्यवस्था में मध्यप्रदेश की 4 प्रतिशत सहभागिता को अगले 5 वर्ष में 5 प्रतिशत तक ले जाने के लिए मध्यप्रदेश संकल्पित होकर कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश का बजट अगले पाँच वर्ष में दो गुना करने की दिशा में सरकार काम कर रही है । प्रत्येक गरीब व्यक्ति को गरीबी के चक्रव्यूह से निकालकर उन्हें एक सम्मानित और सुरक्षित जीवन प्रदान करना हमारा मुख्य ध्येय है।’ पीएम मोदी के ‘सेक्युलर सिविल कोड’ वाले बयान पर कांग्रेस ने उन्हें घेरा, जयराम रमेश ने कहा ‘ये डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है’ ‘प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध’ सीएम ने कहा कि ‘भारत सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के विकास में चार वर्गों यथा युवा, महिला, किसान और गरीब को आधार स्तम्भ के रूप में परिभाषित किया है। मध्यप्रदेश सरकार माननीय प्रधानमंत्री जी के विचारों से प्रेरणा लेकर चार मिशन, युवा शक्ति मिशन, गरीब कल्याण मिशन, किसान कल्याण मिशन और नारी सशक्तिकरण मिशन मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवम्बर से लागू करने जा रही है। युवा शक्ति मिशन युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल और सशक्त बनाने का संकल्प है। सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों को भरने के लिए तेजी से कार्य किया गया है और विगत आठ महीनों में शासकीय नौकरी के 11 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं। राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से 60 से अधिक नई उद्योग इकाइयों की स्थापना की जा रही है, जिनसे 17 हजार से अधिक रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे। नारी सशक्तिकरण मिशन केवल एक सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि सभी बहनों के सशक्तिकरण का एक दृढ़ संकल्प है। प्रदेश की 45 लाख 89 हजार बहनों के खातों में 450 रुपये में गैस सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए 118 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई है।’ प्रदेश में चल रही योजनाओं की जानकारी दी मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘इस वर्ष भारत सरकार के बजट में भी सीखो-कमाओ योजना की तर्ज पर इंटर्नशिप कार्यक्रम को बढ़ावा दिया गया है।
प्रदेश में 22 नई आईटीआई की स्थापना की गयी हैं, जिनसे 5 हजार 280 सीटों की वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदेश में लगभग 7 लाख मकानों का निर्माण कर लिया गया है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में प्रदेश के 7 हजार 300 से अधिक जनजातीय बहुल ग्रामों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण और कौशल विकास के कार्य हो रहे हैं। जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और कल्याण के लिए इस वित्त वर्ष में 40 हजार 804 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट की तुलना में 23.4% अधिक है। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत जरूरतमंद ग्रामीणों को रोज़गार देने, अमृत सरोवर योजना, जल गंगा संवर्धन अभियान, पुष्कर धरोहर अभियान में अनेक कार्य चल रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में वर्ष 2025 तक प्रदेश के ग्रामों को कचरे और कीचड़ से मुक्ति दिलवाकर उन्हें मॉडल श्रेणी का ओडीएफ प्लस ग्राम बनाने का लक्ष्य है।’ किसानों, श्रमिकों, वरिष्ठजन, दिव्यांगजन, निराश्रितों सहित हर वर्ग के विकास के लिए प्रयास उन्होंने बताया कि ‘प्रदेश सरकार ने श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की है। योजना में किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मध्यप्रदेश “सहकार से समृद्धि” की परिकल्पना को साकार करने के लिए कृत-संकल्पित है। पशुपालन और डेयरी विकास विभाग का नाम बदलकर पशुपालन, गौ-पालन और डेयरी विभाग किया जा रहा है। पशुपालन विकास योजना में 14 जिलों के विशेष पिछड़ी जनजाति के पशुपालकों को 90प्रतिशत अनुदान पर दुधारू पशु दिलवाने की पहल की गई है। श्रम कल्याण मंडल की विभिन्न योजनाओं में 7 लाख श्रमिकों को 43 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है।
श्रमिक के परिवारों के लिए शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार, विवाह सहायता, कल्याणी सहायता, श्रमिक साहित्य पुरस्कार और उत्तम श्रमिक पुरस्कार योजना लागू की गई है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह सहायता योजना में वर्ष 2023-24 में 62 हजार 583 कन्याओं के विवाह के लिए सहायता राशि दी है। समाज के वरिष्ठजन, दिव्यांगजन, निराश्रितों और कल्याणी बहनों को प्रत्येक माह 600 रुपये दिए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत इस वित्त वर्ष में 27 हजार 900 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति, गणवेश, छात्रावास सुविधा आदि के लिए 1 हजार 427 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्त्री-पुरुष अनुपात में सुधार हुआ है। यह अनुपात प्रति एक हजार पुरुषों पर 927 महिलाओं से बढ़कर 956 हो चुका है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश के कुल दलहन उत्पादन का एक चौथाई हिस्सा उत्पादित कर भारत में प्रथम स्थान पर है। सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर है। चना और गेहूँ के उत्पादन में भी मध्यप्रदेश प्रथम है। इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के सभी किसान भाई बधाई के पात्र हैं। सीएम ने कहा कि ‘अंधेरा चाहे कितना भी घना हो उम्मीद का एक दीपक सब बदल सकता है’ और हम मध्य प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।