नीमच । जिले में आगामी त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुए जिला दण्डाधिकारी नीमच श्री दिनेश जैन व्दारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। इस संबंध में जारी आदेशानुसार आगामी पर्व यथा हरियाली अमावस्या, विश्व आदिवासी दिवस, अखंड भारत दिवस, कृष्ण जन्माअष्टमी चेहल्लूम, गणेश उत्सव इत्यादि त्यौहार के मद्देनजर जुलूस, चल समारोह के दौरान धार्मिक स्थलों पर अशोभनीय नारेबाजी करने पर प्रतिबंध रहेगा। फेसबुक, व्हाट्सअप, (x) एक्स, यु-ट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया साईट्स पर की गई आपत्तिजनक पोस्ट, सामग्री डालने पर, किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट, फोटो, वीडियों, संदेश भेजने, लाईक, शेयर, फारवर्ड करने पर प्रतिबंध रहेगा।
विभिन्न मोबाईल कंपनियों, विक्रेताओं द्वारा बिना आवश्यक दस्तावेजों के सिम वितरित करने पर प्रतिबंध रहेगा।कोई भी मकान मालिक एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान के मालिक, प्रबंधक अपने मकान अथवा संस्थान को उस समय तक किराए पर नहीं देगे, जब तक कि किरायेदार का पूर्ण विवरण संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी को प्रस्तुत नहीं कर देते। जिले के समस्त होटलों, लॉज धर्मशाला के मालिकों, प्रबंधकों तथा व्यापारिक प्रतिष्ठान के मालिकों, प्रबंधकों द्वारा उनके द्वारा नियोजित कर्मचारीगण, नौकर, चौकीदार, सुरक्षागार्ड आदि के निवास स्थान, चाल-चलन आदि का विवरण अपने क्षेत्र के थाना प्रभारी को आवश्यक रूप से प्रस्तुत किया जायेगा तथा व्यापारिक प्रतिष्ठान व अन्य संस्थान के मालिक किसी भी व्यक्ति को अपने प्रतिष्ठान में काम पर रखने के पूर्व उसका सम्पूर्ण विवरण व आवश्यक जानकारी संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी को देगें। आगामी त्यौहारों एवं धार्मिक आयोजनों के दौरान कोई भी व्यक्ति आग्नेय शस्त्रों (फायर आर्म्स), घातक अस्त्र-शस्त्र जैसे बन्दूक, पिस्तोल, रिवाल्वर, बल्लम, खंजर, शमशीर, या अन्य किसी भी प्रकार के घातक हथियार जिससे जन साधारण को चोट पहुंच सकती है या जिसके प्रयोग से लोकहित को खतरा हो, सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित नहीं कर सकेगा, चाहे वह व्यक्ति लायसेंसधारी ही क्यों न हों।
यदि कोई उपरोक्त आदेश का उल्लंघन करते हुए पाया गया, तो उसके विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1) के प्रावधानों के तहत अभियोजन किया जावेगा। यह आदेश 25 जुलाई 2024 से 22 सितम्बर 2024 तक प्रभावशील रहेगा तथा उक्त प्रभावशील अवधि में इस आदेश का उल्लंघन धारा-223 भारतीय न्याय संहिता अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में रहेगा।