माताओं के लिए खास होता है यशोदा जयंती का पर्व, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Neemuch headlines March 1, 2024, 8:01 am Technology

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है। इस बार यशोदा जयंती 1 मार्च दिन शुक्रवार को मनाई जा रही है। ये दिन भगवान श्री कृष्ण की मैया यशोदा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

मां यशोदा ने ही भगवान श्रीकृष्ण का लालन-पालन किया था। जबकि कृष्ण का जन्म मां देवकी के कोख से हुआ था। यह पर्व दुनियाभर के इस्कॉन मंदिरों और कृष्ण जी के सभी मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाता है। माताओं के लिए यह व्रत बेहद खास होता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनकी मंगल कामना के लिए व्रत करती हैं। यह त्योहार गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारतीय राज्यों में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं यशोदा जयंती का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

यशोदा जयंती 2024 शुभ मुहूर्त:-

पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारम्भ 1 मार्च 2024 को सुबह 6 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है

और इस तिथि का समापन 2 मार्च 2024 को सुबह 7 बजकर 53 मिनट पर होगा।

ऐसे में इस साल यशोदा जयंती 1 मार्च 2024, शुक्रवार के दिन मनाई जा रही है।

यशोदा जयंती का महत्व:-

माताओं के लिए यशोदा जयंती का पर्व बेहद खास माना जाता है। यह पर्व माता और संतान के प्रेम को दर्शाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। मान्यता है कि इस दिन माता यशोदा और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने और व्रत रखने से संतान प्राप्ति की कामना शीघ्र पूर्ण होती है।

यशोदा जयंती पूजा विधि:-

यशोदा जयंती के दिन प्रातः काल स्नान आदि करने के बाद माता यशोदा और कृष्ण का ध्यान करें। पूजन के लिए माता यशोदा की भगवान कृष्ण की गोद में लिए हुए तस्वीर को स्थापित करें। यदि माता यशोदा की तस्वीर न हो तो उनका ध्यान करते हुए भगवान श्री कृष्ण के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें मां यशोदा जी को लाल चुनरी अर्पित करें। साथ ही मां यशोदा को मिष्ठान और भगवान कृष्ण को मक्खन का भोग लगाएं। इसके बाद माता यशोदा और भगवान कृष्ण की आरती करें। तत्पश्चात गायत्री मंत्र का जाप करें। पूजा संपन्न होने के बाद अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।

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