वाराणसी। ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा-अर्चना का जिला जज द्वारा आदेश पारित होने के बाद मस्जिद पक्ष में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सुबह 3 बजे ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया समिति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें वहां से राहत नही मिली। देश की शीर्ष अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की सुनवाई अर्जी को मंजूर नहीं किया, अपितु उन्हें इलाहाबाद होईकोर्ट जाने की सलाह दी है।
हालांकि आज भोर से ही व्यासजी के तहखाने में 30 वर्ष बाद पूजा शुरू कर दी गई है। पूजा-अर्चना पर रोक की मांग की: ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के वकील ने गुरुवार की दोपहर में प्रयागराज हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी है। इस अर्जी में वाराणसी जिला जज के द्वारा व्यासजी के तहखाने में पूजा-अर्चना वाले आदेश को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने और अंतिम निर्णय न आने तक पूजा-अर्चना पर रोक की मांग की है। मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की याचिका में पूजा स्थल अधिनियम 1991 का हवाला दिया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी के वकीलों ने प्रयागराज हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए चीफ जस्टिस के सामने अर्जेंट सुनवाई का अनुरोध किया है। यदि चीफ जस्टिस मस्जिद कमेटी की तुरंत सुनवाई को मान लेता है तो इस मामले में आज या कल में सुनवाई हो सकती है।
वहीं दूसरी तरफ हिन्दू धर्म पक्ष प्रयागराज होईकोर्ट में कैविएट दाखिल करने जा रहा है यानी होईकोर्ट में मस्जिद कमेटी की तरफ से कोई याचिका दाखिल की जाए तो पहले हिन्दू पक्ष को भी सुना जाएं, तत्पश्चात कोई निर्णय दिया जाए।