वध हेतु गौवंश ले जाने वाले 03 आरोपियों को 2-2 वर्ष का सश्रम

Neemuch headlines December 2, 2023, 6:06 pm Technology

नीमच । सक्षम नरूला, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, केंप रामपुरा, जिला नीमच द्वारा वध हेतु लोडिंग वाहन में गौवंश ले जाने वाले तीन आरोपीगण (1) हरिसिंह पिता नारायणसिंह बंजारा, निवासी-ग्राम ठिकरिया छायन (2) प्रभूलाल पिता दौलतराम लोहार, निवासी-मनासा व (3) धन्नालाल पिता लक्ष्मण रेंगर, निवासी-ग्राम वारबाडिया, जिला नीमच को म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 की धारा 4/9 के अंतर्गत 2-2 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000-5000/- रूपये अर्थदण्ड, म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 की धारा 6क/9 के अंतर्गत 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000- 5000/- रूपये अर्थदण्ड, म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 की धारा 6 ख/9 के अंतर्गत 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000-5000/- रूपये अर्थदण्ड एवं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 घ के अंतर्गत 50रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओ रमेश नावड़े द्वारा घटना की जानकारी देते हुवे बताया कि घटना 10 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 18.04.2013 की हैं। फरियादी मुकेश राठौर ने पुलिस थाना रामपुरा में तीनों आरोपीगण मय लोडिंग मिनी टेम्पो सहित उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई की वह तथा महेश सिसौदिया व रामप्रसाद रेगर तीनों ग्राम मदाना से रामपुरा आ रहे थे कि चंद्रपुरा ग्राम की ओर से तीनों आरोपीगण एक लोडिंग टेम्पों लेकर आ रहे थें, जिस पर शंका होने पर उन्होंने टेम्पों को रोका और उसमें देखा की आरोपीगण ने टेम्पों में 2 गाय, 1 भैंस व 1 पाडे को क्रूरतापूर्वक कुंस-ठूंस कर भरा हुआ था, जो बिलकुल हिलडूल नहीं पा रहे थे। तीनों आरोपीगण के पास पशु परिवहन का कोई परमिट नहीं था तथा वह गौवंश को वध हेतु ले जा रहे थें। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरूद्ध पुलिस थाना रामपुरा में अपराध क्रमांक 78/13 की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। पुलिस रामपुरा द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय कैंप रामपुरा में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी व चश्मदीद सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा वध हेतु गौवंश परिवहन किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराते हुए उन्हें कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी रमेश नावड़े, एडीपीओ द्वारा की गई।

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