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बाबा श्याम के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, जानें आज के दिन ही क्यों मनाया जाता है इनका बर्थडे

Neemuch headlines November 23, 2023, 9:37 am Technology

हिंदू पंचांग अनुसार खाटूश्याम जी का जन्मदिन हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मलाया जाता है जो इस बार 23 नवंबर को पह रही है। इस दिन देवउठनी एकादशी भी मनाई जाती है तो वहीं कई लोग इस एकादशी पर तुलसी विवाह का आयोजन भी करते हैं। खाटू श्याम जी के जन्मदिन पर उनकी विधिवत पूजा के साथ-साथ उन्हें कई तरह के भोग भी अर्पित किए जाते हैं।

साथ ही स्यामभक्त बाबा को रिझाने के लिये केक औट -मत घबराना विपदा से, श्याम दीवानों घड़ी घड़ी।

तुझ पर आने से पहले, विपदा को हरले नोट छड़ी।।

॥ जय श्री ध्याग॥

- श्याम नाम अनमोल खजाना,

जो बोले सो पायेगा,

वाकी सारा इस धरा का, यहीं घटा रह जायेगा।

॥ हेप्पी बर्थडे मेरे श्याम।।

हैप्पी बर्थडे मेरे श्याम ना अमीरों की बात है ना गरीबों की बात है श्याम तेरे धाम की सेवा तो जीवों की बात है..

॥ जय श्री श्याम || (खाटू श्याम जी का जन्मदिन कैसे मनाया जाता है)

श्री खाटूश्याम जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। श्री ध्यान मंदिर कमेटी के द्वारा बाबा श्याम को इत्र से स्नान करवाकर गुलाव, चंपा, चमेली समेत अनेक प्रकार के फूलों के गजरी से सजाया जाता है। बावा को मावे का केक चढ़ाया जाता है। मंदिर में रंग-बिरंगे गुबारे लगाएं जाते हैं। खाटूनगरी में बाबा श्याम के जन्मदिवस को लेकट भक्तों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है।

वाचा श्याम के जन्मोत्सव के दिन लाखों की संख्या में भक्त बाबा के दरबाट में अपनी हाजरी लगाते है। इस दिन श्याम दरबार में फाल्गुन मेले के बाद दूसटा सवटले बड़ा मेले का आयोजन होता है। खाटू श्याम वावा के जन्मोत्सव के अवसर पर भक्त अनेक प्रकार के कैक का उन्हें भोग लगाते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि देवउठनी एकादाशी पर यानी कि बाबा के जन्मदिन के मौके पर जो भक्त उनके मंदिर में जाकर दर्शन करता है उसकी सारी मनोकामाएं पूर्ण हो जाती है।

(खाटू श्याम जी मंदिर दर्शन का समय) स

र्दी का समय -प्रातः 5.30 बजे से दोपहर 13.00 बजे तक - शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक गर्मी का समय सुबह 4.30 से दोपहर 12.30 बजे तक शाम 4 बजे से टात्रि 10 बजे तक

धार्मिक मान्यताओं अनुसार वर्वटीक (खाटू श्याम) के महान वलिदान टी प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में तुम श्याम नाम से पूजे जाओगे। देने के बाद बर्बटीक यानी लाटू श्याम जी का वरदान शीश खाटू नगर में यानी कि टाजस्थान टाज्य के सीकर जिला में दफनाया गया। कहा जात है कि एक गाय उस स्थान पर प्रतिदिन आकर अपने स्तनों से दुग्ध की धारा बहाती थी। जब उस स्थान की खुदाई हुई तो वहां पट खाटू श्याम जी का शीव प्रकट हुआ, जिसे कुछ दिनों के लिये एक ब्राह्मण को सौप दिया।

एक समय खाटू नगर के राजा को सपना आया जिसमें उन्हें मन्दिर निर्माण के लिये और वहां स्याम वावा के शीरा को सुशोभित करने के लिये प्रेरित किया गया। तब फिर स्वप्न अनुसार उस स्थान पर एक भव्य मन्दिर का निर्माण किया गया और कार्तिक माह की एकादशी के दिन वहां श्याम बावा का श्रील मन्दिर में सुशोभित किया गया। यही वजह है कि हर साल देवउठनी एकादशी को ही श्री खाटूश्याम जी का जन्मदिन

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