उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मी ने कहा कि जब वे दुर्घटना पर पहुंचे तो सुरंग के अंदर करीब 200 मीटर तक मलया पड़ा हुआ है, जिससे प्रवेश मार्ग अवरुद्ध हो गया। उत्तरकाशी जिले के धरासू पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाली जेनवाला पुलिस चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार ने बताया कि मौके पर मौजूद एक इंजीनियर ने फोन कर सुरंग का हिस्सा ढहने की जानकारी दी। जिस वक्त फोन आया तब सुबह के करीब 8 बज रहे थे और मैं स्नान कर रहा था। मैंने तुरंत एक कनिष्ठ कर्मचारी को अपने साथ लिया और अपनी मोटरसाइकिल से घटनास्थल पर पहुंचा।
पौढ़ी गढ़वाल के मूल निवासी सुरेश कुमार पिछले डेढ़ साल से सिलक्यारा सुरंग से लगभग 10 किमी दूर जेनवाला पुलिस चौकी पर तैनात हैं। उन्होंने पिछले महीने सुरंग का निरीक्षण किया था। सुरंग 2 किलोमीटर तक खोदी गई थी और काम सुचारू रूप से चल रहा था। मैं ऐसी घटना की कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था। संरचना को सहारा देने के लिए एक विभाजनकारी दीवार भी थी। कुमार ने कहा कि घटना सुबह करीब साढ़े पांच बजे हुई थी, लेकिन पुलिस-प्रशासन को इसकी सूचना थोड़ी देर से दी गई। मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने देखा कि सुरंग के अंदर करीब 200 मीटर तक मलबा पड़ा हुआ है, जिससे प्रवेश मार्ग अवरुद्ध हो गया। मैंने पुलिस थाने में अपने वरिष्ठों को सूचित किया और बाद में एक बचाव दल मौके पर पहुंचा। 10 दिनों से अधिक समय से सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों के लिए बाहर निकलने का रास्ता तैयार करने के वास्ते अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम रात को फिर से शुरू कर दिया गया है। अब तक मलबे में 32 मीटर की दूरी तक, स्टील के पाइप डाले जा चुके हैं।
6 इंच चौड़ी पाइपलाइन ने बचावकर्मियों को कई दिनों में फंसे हुए श्रमिकों की पहली तस्वीरें खींचने में मदद की। अधिकारियों ने कहा कि एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि कर्मचारी ठीक हैं।