नई दिल्ली। देशभर में आ रहे हार्ट अटैक के मामलों को लेकर अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन का हवाला देते गुए कहा कि वे व्यक्ति, जो पूर्व में गंभीर रूप से कोविड-19 संक्रमण का शिकार हुए थे उन्हें दिल के दौरे से बचने के लिए एक या दो साल तक जरूरत से ज्यादा परिश्रम नहीं करना चाहिए। गुजरात में हाल ही में दिल संबंधी समस्याओं की वजह से बहुत से लोगों की मौत हुई है, जिसमें नवरात्रि महोत्सव के दौरान 'गरबा' खेलते वक्त हुई घटना भी शामिल है। इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने 'कार्डियोलॉजिस्ट' सहित चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की। पटेल ने विशेषज्ञों से कारणों और उपचार का पता लगाने के लिए मौत के आंकड़े जुटाने को कहा। मांडविया ने संवाददाताओं को बताया कि आईसीएमआर ने एक विस्तृत अध्ययन किया है। इस अध्ययन के मुताबिक वे लोग जो पूर्व में गंभीर रूप से कोविड-19 संक्रमण का शिकार हुए थे उन्हें जरूरत से ज्यादा परिश्रम नहीं करना चाहिए। उन्हें (पूर्व में संक्रमित हुए लोगों) दिल के दौरे से बचने के लिए एक या दो वर्ष तक कठोर अभ्यास, दौड़ और वर्कआउट से दूर रहना चाहिए." उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने हाल ही में राज्य के दौरे के दौरान इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की थी।