मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलला के मंदिर का भव्य दिव्य निर्माण तेज गति से चल रहा है। साथ ही संपूर्ण अयोध्या धाम का भी कायाकल्प किया जा रहा है। विकास की योजनाएं तीव्र गति से गतिमान हो रही हैं। इसे देखने के लिए पूरी दुनिया आतुर है कि उनके परम आराध्य श्रीराम की अयोध्या नगरी कैसी है और कैसा होगा रामलला का भव्य दिव्य राम मंदिर जिसे 500 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद पाया गया और जिसकी भव्यता- दिव्यता के लिए स्वयं भारत के प्रधानमंत्री मोदी व उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी समय-समय पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं और स्वयं प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों द्वारा राम मंदिर का शुभारंभ होने जा रहा है। साथ गर्भगृह में रामलला का प्रवेश भी उन्ही के द्वारा किया जाएगा।
ऐसे राम मंदिर की भव्यता व दिव्यता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि श्रीराम जन्मभूमि के सोने से जड़े होंगे दरवाजे, जिसकी तैयारी भी जोरों से की जा रही है। राम मंदिर में लगने वाले दरवाजों को स्वर्ण मंडित करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। गर्भगृह में लगने वाले सबसे बड़े दरवाजे सहित 10 दरवाजों की फिटिंग का ट्रायल भी पूरा हो चुका है। स्वर्ण जड़ने वाले कारीगरों ने दरवाजों की फिटिंग को परखा भी है। अब तक जो दरवाजे निर्मित हो चुके हैं उन पर सौना लगाने के लिए सांचा बनाना प्रारंभ हो गया है। राम मंदिर में होंगे सोने से जड़े दरवाज़े अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि के अंदर लगने वाले प्रमुख प्रमुख दरवाजों को चिन्हित कर उन्हें तैयार किया जा रहा है। इस पर सोना लगाने के लिए सांचा भी तैयार करने का काम शुरू हो गया है। इसे दिल्ली के कारीगर कर रहे हैं।
श्री राम जन्मभूमि में कौन से दरवाज़े स्वर्ण जड़ित होंगे। इसमें सबसे पहले राम मंदिर में जहा रामलला होंगे विराजमान यानी की गर्भगृह जहां पर लगने वाले सबसे बड़े दरवाजे सहित 10 दरवाजों को चिन्हित किया गया है और जिनके फिटिंग का ट्रायल भी पूरा हो चुका है। स्वर्ण जड़ने वाले कारीगरों ने दरवाजों की फिटिंग को पूरी तरह से जांच-परखा भी कर ली है। अब तक जो दरवाजे निर्मित हो चुके हैं, उन पर सोना लगाने के लिए सांचा (मोल्डिंग) बनाना का काम भी शुरू हो गया है। यहां आपको बता दें कि श्रीराम मंदिर की भव्यता व दिव्यता में किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो, इसके लिए हर एक चीज को पूरी तरह से जांचा-परखा जा रहा है। दरवाजों पर खूबसूरत नक्काशी का काम तेजी से किया जा रहा है। इन Hindi की नक्काशी की जा रही है। ये सभी दरवाजे महाराष्ट्र के जंगलो के सागीन की लकड़ियों से निर्मित किए जा रहे हैं जिन्हें अयोध्या के कारसेवकपुरम में हैदराबाद के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा है। इसके बाद इन दरवाजों पर पहले तांबे की परत लगाई जाएगी जिसके बाद इन दरवाजों पर सोना की परत लगाई जाएगी। दरवाजों पर सांचा बनाया जा रहा है।
यह कार्य दिल्ली के चार कारीगर कर रहे हैं। कार्यदायी संस्था के एक अधिकारी ने बताया कि राम मंदिर में पहले कुल 42 दरवाजे लगाने से, पर अब इसमें राम मंदिर के भूतल पर होंगे 18 दरवाज़े : श्रीराम जन्मभूमि के भूतल में दरवाजों की संख्या सर्वाधिक 18 होगी। राम मंदिर के भूतल पर दो सीढ़िया बन रही हैं। इन्हीं के सामने दो-दो दरवाजे लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जो दरवाजे निर्मित हो चुके हैं, उन्हें मंदिर में लगाने का ट्रायल कई चरणों में पूरा किया जा रहा है।