Aditya L1 mission चाँद पर चंद्रयान की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सूरज का अध्ययन करने के लिए संभवत: 2 सितंबर को 'आदित्य-एल1' सूर्य मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार है। 'आदित्य- एल 1' अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल 1 (सूर्य-पृथ्वी लाज बिंदु) पर सौर हवा के यथास्थिति अवलोकन के लिए तैयार किया गया है। 110 दिन में सूर्य की कक्षा में पहुंचेगा आदित्य L1: आदित्य एल 1 को पृथ्वी से सूर्य की ओर करीब 15 लाख किलोमीटर पर स्थित लैग्रेंज-1 पॉइंट तक पहुंचना है आदित्य एल 1 को सूर्य की कक्षा में पहुंचने में करीब 110 दिन का समय लगेगा।
5 साल सूर्य की किरणों का अध्ययन यह सूर्य के अवलोकन के लिए पहला समर्पित भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा। यह 5 साल तक सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा। इस मिशन पर 378 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। 7 पेलोड लेकर जाएगा आदित्य-एल1 : आदित्य- एल 1 मिशन का लक्ष्य एल 1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है। यह अंतरिक्ष यान सात पेलोड लेकर जाएगा जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का निरीक्षण करने में मदद करेंगे।