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कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने उठाया ग्रामीणों से जुड़ा मुद्दा, रेतम बेराज क्षेत्र के 30 गांवों को सरकारी आदेश से होगा भारी नुकसान

Neemuch headlines August 17, 2023, 3:15 pm Technology

सामान्य वर्षाकाल में भी खोल रखे हैं रेतम बेराज के सभी 24 गेट, ऐसे में बह जाएगा पानी, क्षेत्र के सैकड़ों किसान चिंतित, रबी की फसल की सिंचाई में होगी भारी दिक्कत

नीमच। वर्ष 2019 में भारी बारिश के मद्देनजर सिंचाई के लिए आरक्षित डेम रेतम बेराज के गेट 15 सिंतबर तक खुले रखने के निर्देश दिए गए थे लेकिन विडंबना यह है कि अभी सामान्य वर्षाकाल में भी रेतम बेराज के सभी 24 गेट खोल रखे हैं। ऐसे में स्वाभाविक तौर से डेम से पानी बहकर चंबल नदी में जा रहा है। 15 सितंबर के बाद बारिश का अल्पकाल आ जाता है, ऐसे में डेम भरना मुश्किल होता है। सन 2019 के इस आदेश को तुरंत परिवर्तन की आवश्यकता है। वर्तमान में बारिश के हालातों को देख किसानों की भी चिंता बढ गई है कि जब डेम में पानी नहीं टिकेगा तो रबी की फसल की सिंचाई में भारी दिक्कत होगी। इसके बावजूद न तो जल संसाधन विभाग के अधिकारी गंभीर है और न ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को इस मामले से कोई सरोकार है।

ग्रामीणों से जुड़ा यह गंभीर मुद्दा कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने उठाया है। श्री बाहेती ने बताया कि रेतम बेराज बांध का 90 फीसदी हिस्सा नीमच जिले आता है, जबकि 10 फीसदी हिस्सा मंदसौर जिले में है। सिंचाई के लिए आरक्षित रेतम बेराज का जलभराव क्षेत्र नीमच जिले में है, जबकि डेम पर बेराज मंदसौर जिले में बना हुआ है, जहां से नहर के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाया जाता है। हालात यह है कि वर्तमान में कम वर्षा के कारण रेतम बेराज डेम खाली पड़ा है। फिर भी रेतम बेराज के सभी गेट खुले हुए और डेम में पानी की जितनी भी आवक होती है वह गेट खुले होने के कारण पानी के रूप में बहकर चंबल नदी में जा रहा है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ डेम के गेट बंद नहीं होने से पानी रुक नही पाया था। इसके बावजूद भी विभाग द्वारा गेट बंद नहीं किए जा रहे हैं। भारी वर्षा के कारण दिए थे आदेश, सिंचाई विभाग अब भी उसी पर अटल :- श्री बाहेती ने बताया कि सन 2019 में भारी वर्षा हुई थी, जिसके कारण नदी,नालों में उफान आ गया था और डेम छलक उठे थे। रेतम बेराज में पानी की अत्यधिक वृद्धि होने के मद्देनजर जल संसाधन विभाग के आला अधिकारियों ने सन 2019 में रेतम बेराज के गेट तब 15 सिंतबर तक खुले रखने के निर्देश दिए थे। आलम यह है कि 2019 में दिए आदेश पर 4 साल बाद भी मंदसौर सिंचाई विभाग के अधिकारी कायम है और बेराज के गेट हर वर्ष 15 सितंबर तक खुले रखते हैं। बीते तीन सालों से बांध में पानी की आवक अच्छी होने के कारण गेट खुले होने के बाद भी बांध में पानी अच्छा बना रहता है, लेकिन वर्तमान में भी जल संसाधन विभाग मंदसौर उसी ढ़र्रे पर कायम बना हुआ है। बाहेती ने कहा कि 15 सितंबर तक गेट खुले रखने के आदेश में तुरंत परिवर्तन की आवश्यकता है नीमच जिले के 30 गांव होंगे प्रभावित :- कांग्रेस नेता श्री बाहेती ने बताया कि अगर समय रहते रेतम बेराज के गेट बंद नहीं किए जाते हैं और 15 सिंतबर तक का इंतजार किया जाता है, तो वर्तमान में बारिश के हालातों को देखते हुए नहीं लगता है कि बांध में पर्याप्त जल भराव होगा और अगर पानी भरता भी है, तो वह खुले हुए गेट से बह जाएगा। श्री बाहेती ने बताया कि रेतम बेराज के पानी से नीमच विधानसभा क्षेत्र के 30 गांवों में कृषि भूमियों की सिंचाई होती है। अगर डेम में पानी को नहीं रोका गया, तो रबी की फसलों की सिंचाई करने किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है। श्री बाहेती ने बताया कि सोमवार को कलेक्टर की ई जनसुनवाई के दौरान भी ग्राम बोरदिया कला के किसान मुकेश बोराना आदि ने कलेकटर को मामले से अवगत कराया है। इसके अलावा मुझे भी समस्या बताई है। ऐसे समझे पूरा मामला :- रेतम बेराज के गेट पूर्व में 15 सितंबर के पूर्व ही बंद कर दिए जाते थे लेकिन 2019 में अधिक बारिश से बाढ़ के हालात बनने के बाद सिंचाई विभाग ने रेतम बेराज के गेट 15 सितंबर तक नहीं लगाने के आदेश जारी किए। यह आदेश सिंचाई विभाग वर्तमान में भी अमल में ला रहा है लेकिन इस बार अल्पवर्षा के कारण स्थिति गंभीर है, ऐसे में यदि 15 सितंबर के पूर्व रेतम बेराज के गेट बंद नहीं किए गए तो बेराज में पानी का अभाव होगा और आगामी दिनों में किसानों को सिंचाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बॉक्स :- जानकारी होने के बाद भी गंभीर नहीं नीमच विधायक- कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने आरोप लगाया कि रेतम बेराज के वर्तमान में सारे गेट खुले हुए हैं, जिसके कारण डेम में पानी का भराव नहीं हो रहा है। इस गम्भीर समस्या की जानकारी होने के बावजूद विधायक दिलीप सिंह परिहार को जनहित की इस समस्या से कोई सरोकार नहीं है। अगर वे गंभीरता दिखाते तो लगातार 4 सालों से रेतम बेराज के गेट हर वर्ष 15 सितंबर खोले रखने के आदेश का अब तक अमल नहीं होता।

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