कांग्रेस नेता तरूण बाहेती का बड़ा आरोप, प्रदेश में सबसे बदतर हालात में नीमच जिला पंचायत

Neemuch Headlines August 6, 2023, 8:10 am Technology

कमजोर नेतृत्व के कारण एक साल बाद भी जिला पंचायत में नहीं हुआ स्थाई समितियों का गठन

नीमच । जिला पंचायत नीमच प्रदेश की सबसे अनूठी एवं बदतर जिला पंचायत बन चुकी है । नीमच जिला पंचायत को बने 13 माह हो गए, लेकिन कमजोर नेतृत्व के चलते जिला पंचायत में ना तो स्थाई समितियों का गठन हो पाया ना ही प्रत्येक माह में होने वाली साधारण सभा की बैठकें हो पाई और सबसे अजीब बात यह है कि 13 माह बीतने के बाद अभी तक पूरे जिले में जिला पंचायत की राशि का कोई भूमि पूजन तक नहीं हो पाया है । जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जन सिंह चौहान की अपरिपक्वता के कारण पूरे प्रदेश में नीमच जिला पंचायत एक मात्र ऐसी जिला पंचायत बन गई जहां किसी भी कार्य की विभागीय समीक्षा बैठके तक नही हो पाई है। कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने नीमच जिला पंचायत की दुर्दशा पर बयान जारी कर कहा कि कमजोर नेतृत्व एवं पंचायती राज की धज्जियां किस प्रकार उड़ाई जाती उसका प्रत्यक्ष उदाहरण नीमच जिला पंचायत है । उन्होंने कहा जिस प्रकार नगरपालिका में तत्काल पीआईसी का गठन हो जाता है उसी प्रकार जिला पंचायत के गठन के एक माह बाद 8 स्थाई समिति के चुनाव हो जाते हैं, लेकिन नीमच में 13 माह बाद भी विभागीय समीक्षा करने के लिए समितियां नहीं बन पाई है । प्रदेश के 52 जिलों में से सिर्फ नीमच ही एक मात्र नीमच जिला ऐसा है, जहां पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन तो हुआ, लेकिन अब तक स्थाई समितियों का गठन नहीं हो पाया है,

जबकि जिला पंचायत के 10 में से 9 सदस्य भाजपा समर्थित है । बाहेती ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जन सिंह चौहान के अपरिपक्व नेतृत्व का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले 13 माह में 13 मीटिंग होनी थी लेकिन कुल 3 ही साधारण सभा की मीटिंग हो पाई। वही कई विभागों की 8 समितियों की समीक्षा की तो एक भी मीटिंग नहीं हो पाई । अजीब विडंबना है कि 13 महीने में जिला पंचायत की राशि से एक भी कार्य का भूमि पूजन नहीं कर पाया यह जिला पंचायत नीमच की स्थिति है। श्री बाहेती ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत का गठन हुए करीब 13 माह होने को है, लेकिन अब स्थाई समितियों का गठन नहीं हो पाया है, जिसके कारण न तो शासन की योजनाओं की समीक्षा हो पा रही है और न ही विभागीय कार्यों का परीक्षण हो पा रहा है। बड़ा सवाल यह है जब समितियों का गठन ही नही हुआ तो सभी विभागों की समीक्षा कौन कर रहा है और कैसे बजट पास हो रहा है, जबकि स्थाई समितियों के बगैर अनुमोदन के बजट तक पास नही हो सकता। बाहेती ने आरोप लगाया कि इसका सबसे बड़ा कारण जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जनसिंह चौहान का कमजोर प्रतिनिधित्व है, वे खुद ही स्थाई समितियों के गठन का निर्णय लेने नहीं ले पा रहे हैं । श्री बाहेती ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के कमजोर होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की विधायकों के दबाव एवं भाजपा की गुटीय राजनीति के कारण समिति का गठन में चुप्पी साध रखी है । 13 में हुई साधारण सभा की सिर्फ तीन बैठक :- जिला पंचायत सदस्य बाहेती ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत की कमान जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जनसिंह चौहान किस अपरिपक्वता से संभाल रहे हैं कि जिला पंचायत का गठन हुए 13 माह हो चुके है लेकिन अब तक साधारण सभा की सिर्फ तीन बैठक ही हो पाई है, जबकि नियम हर माह साधारण सभा की बैठक का है,ताकि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जनहित की योजनाएं, विकास कार्य और स्वास्थ्य आदि सुविधाओं की समीक्षा कर उनके गुणदोष के आधार पर अधिकारियों को निर्देशित किया जा सके, पर वर्तमान में ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है। समितियों के अभाव में नहीं हो रही विभागीय समीक्षा :- कांग्रेस नेता श्री बाहेती ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत में करीब 8 समितियों स्थाई समितियों का गठन होना है, जिसमें शिक्षा,स्वास्थ्य,कृषि,वन महिला बाल विकास समेत विभिन्न समितियां शामिल है, लेकिन समितियों का गठन नहीं होने से विभागीय योजनाओं की समीक्षा नहीं हो रही है । हालात यह है कि समितियों के अभाव में न तो अधिकारी जिला पंचायत सदस्यो को उचित जानकारी दे रहे हैं न ही जिला पंचायत की बैठक में सही जबाव दे रहे हैं। श्री बाहेती ने कहा कि इन सबका सबसे बड़ा कारण अध्यक्ष की लारपरवाही और अरूची है, जिसके कारण जिला पंचायत में स्थाई समितियों का गठन नहीं हो पा रहा है । वाटरशेड मामले में आरोप लगाने से पहले तथ्यों की करें पड़ताल जिला पंचायत अध्यक्ष :- कांग्रेस नेता श्री बाहेती ने बताया कि मैं जिस दिन हादसे में घायल हो गया था, उसी दिन जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जनसिंह चौहान ने आरोप लगाए थे कि वॉटरशेड परियोजना के मामले में तरूण बाहेती के आरोप झूठे हैं, बाहेती ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष श्री चौहान को बयान से पहले तथ्यों की पड़ताल कर लेनी चाहिए । जिला पंचायत अध्यक्ष के आरोप का जवाब देते हुए बाहेती ने कहा कि अपने आप मे सत्यापित है कि वर्ष 2021 में वाटर शेड प्रोजेक्ट में जावद मनासा की तरह नीमच विधानसभा के अंतर्गत जीरन वाटर शेड परियोजना का प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन वह स्वीकृत नहीं हुआ । इसी वजह से वर्तमान में कोई कार्ययोजना नीमच विधानसभा में नहीं चल रही है। जबकि जावद एवं मनासा में विधानसभा क्षेत्र में तीन योजना संचालित हो रही है, जिनमें करोड़ों रूपए कार्य हो रहे हैं। अगर नीमच विधानसभा में भी योजना संचालित होती, तो नीमच में भी 12 करोड़ के काम होते और जनता को भी लाभ मिलता, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। श्री बाहेती ने कहा कि पलटवार करते हुए कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने वर्ष 2011 के नीमच के वाटर शेड प्रोजेक्ट के काम गिनवाकर कर झूठी वाहवाही लेने का प्रयास किया है । पहले जिला पंचायत के अधिकारियों से तथ्यों की पड़ताल करने के बाद ही दूसरों पर आरोप लगाए। श्री बाहेती ने आरोप लगाया कि जिन्हें जिला पंचायत में अध्यक्ष अपनी कमजोरी छुपाने के लिए दूसरों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं ।

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