विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उनसे मणिपुर मुद्दे में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति मुर्मू के सामने हरियाणा में हिंसा का मुद्दा भी उठाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की ओर से राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा था।
राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर का दौरा करना चाहिए, राज्य में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि 2 मणिपुरी महिलाओं को राज्यसभा के लिए नामित करने से राज्य की महिलाओं को हुए 'गंभीर नुकसान' की भरपाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन के डेलिगेशन ने मणिपुर में जो देखा, उसे राष्ट्रपति महोदया के सामने रखा। हमने उन्हें बताया कि राहत शिविरों में लोगों को समय पर राशन और दवा भी नहीं मिल पा रही है। मणिपुर को लेकर हमने राष्ट्रपति महोदया को एक मेमोरेंडम भी सौंपा है। उन्होंने हमें मेमोरेंडम के बारे में सोचने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार हमें सदन में बोलने नहीं दे रही है।
मेरे माइक को तुरंत बंद कर दिया जाता है। ये सरकार न संविधान को बचाना चाहती है और न ही संविधान के उसूलों पर चलना चाहती है। इसलिए हम एक होकर मजबूती के साथ लड़ेंगे। विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे में राष्ट्रपति मुर्मू के हस्तक्षेप का अनुरोध कर रहे हैं और उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा लगातार जारी है। विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के कुछ सांसदों ने 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा किया था। वे राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। विपक्ष मणिपुर हिंसा पर संसद में नियम 267 के तहत चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बयान देने की मांग कर रहा है जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन मणिपुर पर एक अल्पकालिक चर्चा चाहता है जिस पर जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देंगे।