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श्री कृष्ण भगवान ने अपने आचरण में लाकर प्रकृति का संरक्षण किया- श्री प्रजापति

Neemuch Headlines July 29, 2023, 10:10 am Technology

नीमच। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा समाज के लोगों के साथ प्रकृति वंदन का कार्यक्रम किया गया।

रामपुरा में एक पेड़ देश के नाम समिति ने पहाड़ों और जल सरोवर का पूजन किया। कुकड़ेश्वर में सामाजिक संस्था ने प्राचीन जल सरोवर का पूजन किया और वृक्षों का पूजन किया, मनासा में सामाजिक संस्था प्रमुख प्रहलाद धनगर ने वृक्षों का पूजन किया, नीमच में मातृशक्ति के साथ में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के जिला संयोजक देवेंद्र प्रजापति ने त्रिवेणी का प्रकृति वंदन किया और अपने उद्बोधन में कहा कि श्री कृष्ण भगवान ने अपने अवतार काल में अपने आचरण में लाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा की व पर्वत का संरक्षण किया, वनों का संरक्षण किया।

गौमाता की सेवा की व गौ माता का संरक्षण किया, जमुना नदी के पानी को कालिया नाग दूषित करता था जिससे नदी का पानी विषैला हो गया था जो किसी उपयोग का नहीं बचा था वहां से कालिया नाग को परास्त कर अन्यत्र स्थान पहुंचाया और पूरी दुनिया को जल स्वच्छता व जल संरक्षण का संदेश दिया, कृष्ण भगवान ने अपने आचरण में लाकर प्रकृति संरक्षण का संदेश पूरी दुनिया को दिया। श्री प्रजापति ने यह भी कहा कि हमारे प्राचीन शास्त्रों में प्रकृति संरक्षण का उल्लेख मिलता है इसलिए हम पृथ्वी को मां कहकर पूजते हैं, नदी पहाड़ों को पूजते हैं, ताल तलैया कुंड सरोवर को पूजते हैं, हंस मूषक मोर को पूजते हैं, गो बैलों को पूजते हैं।

हाथी घोड़ों को पूजते हैं, विषधर सर्पों को पूजते हैं, हिंसक पशु शेर को पूजते हैं। हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने ऐसी पूजा पद्धति विकसित की जिससे की प्रकृति का संरक्षण हो, प्रकृति संतुलित हो ,जब हम पृथ्वी पर एक चम्मच जल चढा कर पूजा करते हैं तो इसका मतलब होता है कि हम पृथ्वी को स्वच्छ रखें, पृथ्वी का संरक्षण करेंगे। मोहल्ले, गांव, घाट, खेल परिसर, विद्यालय परिसर, मल्लसाला और मंदिर परिसरों को स्वच्छ साफ सुथरा रखेंगे, जब हम घी का दीप प्रज्वलित करते हैं तो उससे वायु में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और वायु तत्व शुद्ध होता है।

साथ ही अग्नि तत्व प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है, जब हम अष्ट सुगंधी धूप प्रज्वलित करते हैं, इससे वायुमंडल में विद्वान क्षति पहुंचाने वाली तरंगों का शोधन होता है उनका नाश होता है और वायु शुद्ध होती है, यदि यह कहा जाए कि हमारी पूजा पद्धति प्रकृति के पंच तत्वों को संतुलन करने में सहायक होती है, तो यह कहना गलत नहीं होगा। इस अवसर पर श्री प्रजापति ने समाज के लोगों के साथ विद्यार्थियों से प्रकृति संरक्षण का संकल्प भी कराया और एक पेड़ देश के नाम चल रहे अभियान की जानकारी दी। इस अवसर पर श्रीमती सरोज शर्मा, श्रीमती संध्या शर्मा, श्रीमती लता चौहान, श्रीमती रचना पामेचा, भारतीय प्रजापति, श्रीमती शशि परिहार, सामाजिक कार्यकर्ता विजय दीवान सामाजिक कार्यकर्ता, और विद्यार्थी उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन बालकिशन दीवान नीमच नगर पर्यावरण सहसंयोजक ने किया।

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