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रवि प्रदोष व्रत आज, यहां जानें शिव पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त, व्रत विधि व कथा।

Neemuch headlines March 19, 2023, 6:59 am Technology

इस समय फाल्गुन मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के... अंगला कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 19 मार्च को है। ऐसे में प्रदोष व्रत लेख मार्च को रखा जा रहा है। रविवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने दें. कारण इसे रवि प्रदोष कहते हैं। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं।

प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत पर विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।

रवि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त:-

चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 19 मार्च को सुबह 08 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ होगी जो कि 20 मार्च को सुबह 04 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी।

प्रदोष काल का मुहूर्त शाम 06 अगला बजकर 31 मिनट से रात 08 बजकर 54 मिनट तक रहेगा पूजन की कुल अवधि 02 घंटे 23 मिनट की है।

प्रदोष व्रत पूजा-विधि:-

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। अगर संभव है तो व्रत करें। भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें। इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान शिव की आरती करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

प्रदोष व्रत कथा:-

एक नगर में तीन मित्र राजकुमार, ब्राह्मण कुमार और तीसरा धनिक पुत्र रहते थे। राजकुमार और ब्राह्मण कुमार विवाहित थे, धनिक पुत्र का भी विवाह हो गया था, लेकिन गौना होना बाकी था। एक दिन तीनों मित्र स्त्रियों की चर्चा कर रहे थे। ब्राह्मण कुमार ने स्त्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा- 'नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है।' धनिक पुत्र ने यह सुना तो तुरन्त ही अपनी पत्नी को लाने का फैसला ले लिया। तब धनिक पुत्र के माता पिता ने समझाया कि अभी शुक्र देवता डूबे हुए हैं. ऐसे में बहू- बेटियों को उनके घर से विदा करवा लाना शुभ नहीं माना जाता, लेकिन धनिक पुत्र ने एक नहीं सुनी और ससुराल पहुंच गया।

ससुराल में भी उसे मनाने की कोशिश की गई लेकिन वो नहीं माना कन्या के माता-पिता को अपनी बेटी की विदाई करने अगला लेख पड़ी। विदाई के बाद पति पत्नी शहर से निकले ही थे कि बैलगाड़ी का पहिया निकल गया और बैल की टांग टूट गई। दोनों को चोट लगी लेकिन फिर भी वो चलते रहे। कुछ दूर जाने पर डाकू उनका धन लूटकर ले गए दोनों घर पहुंचे. वहां धनिक पुत्र को सांप ने डस लिया। उसके पिता ने वैद्य को बुलाया तो वैद्य ने बताया कि वो तीन दिन में मर जाएगा। जब • ब्राह्मण कुमार को यह खबर मिली तो वो धनिक पुत्र के घर पहुंचा और उसके माता-पिता को शुक्र प्रदोष व्रत करने की सलाह दी और कहा कि इसे पत्नी सहित वापस ससुराल भेज दें। धनिक ने ब्राह्मण कुमार की बात मानी और ससुराल पहुंच गया।

धीरे-धीरे उसकी हालात ठीक हो गई और धन-संपदा में कोई कमी नहीं रही।

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