नीमच। 14 मार्च का दिन देश के इतिहास में 1 काले दिवस के रूप में उदय हुआ, जहां देश की दो ख्यातनाम शख्सियत दुनिया को अलविदा कह गई।
एक और करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह जी कालवी के निधन का समाचार मिला तो मन काफी अशांत हो गया, इस सदमे से उभरने का समय ही नहीं मिला और एक और बड़ी खबर ने हिला कर रख दिया देश के सबसे बड़े पत्रकार पीटीआई के संस्थापक डॉ वेद प्रताप वैदिक जी का अचानक दुनिया से अलविदा कह जाना मानो हिंदी के ऊपर एक प्रहार की तरह था, यह शब्द ठि. पिपलिया रावजी के रावत दिग्विजय सिंह जी ने कहे। उन्होंने बताया कि मेरा दोनों ही शख्सियत से व्यक्तिगत जुड़ाव था वैदिक जी से कई बार दिल्ली उदयपुर एवं नीमच में मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मैं उनसे काफी प्रभावित था उनके लेखों को मैं बड़े उत्साह के साथ पढ़ता था। वही लोकेंद्र सिंह जी कालवी साहब से व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर दोनों ही तरह से जुड़ाव था। कालवी साहब के पूज्य पिताजी कल्याण सिंह जी चंद्रशेखर जी की सरकार में बतौर मंत्री रहे। इस दौरान कई बार वे उदयपुर स्थित होटल लेक पिछोला पर भी पधारे। इस दौरान एक पारिवारिक वातावरण में उनके पिताजी और उनसे स्नेह भेट होती रही।
कालवी साहब ने करणी सेना की स्थापना करते हुए देशभर में राजपूत संगठन समाज को एकजुट करने के जो प्रयास किए हैं वह जीवन पर्यन्त याद किए जाएंगे, वही डॉक्टर वैदिक जी ने हिंदी साहित्य के लिए जो कार्य किया है वह अविस्मरणीय है युगो युगो तक देश उनको याद रखेगा। मैं इन दोनों ही महान आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।