रतनगढ। नगर मे सकल जैन समाज ने व्यवसाय बंद रखकर रैली निकाली एवं तहसील कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि श्री सम्मेद शिखर जी जैन धर्म की धुरी है,यह तीर्थ स्थल है पर्यटन क्षेत्र नही, झारखंड का हिमालय कहे जाने वाला यह तीर्थ पूरे विश्व में शांति और अहिंसा का संदेश पहुँचा रहा है। इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्ति की एवं 23 वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी यही पर निर्वाण प्राप्त किया था।अगर यह तीर्थ स्थल पर्यटन स्थल घोषित हो गया तो यहां मांस मदिरा की बिक्री, पेड़ों की अवैध कटाई, पत्थरों का अवैध खनन होने से जैन संतो का मोक्ष स्थान प्रदूषित हो जाएगा। एवं इस पवित्र तिर्थस्थल पर लोग आध्यात्मिक नहीं मौज मस्ती के लिये आने लग जाएंगे।ज्ञात रहे कि जैन समाज के अति प्राचीन धार्मिक आस्था के केंद्र प्रसिद्ध जैन तिर्थ सम्मेद शिखर जी को केंद्र सरकार और झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल बनाने का गजट नोटीफिकेशन जारी किया है।जो कि जैन समाज के धार्मिक स्थल पर अनाधिकृत हस्तक्षेप है।
पर्यटक स्थल बनाने के विरोध मे रतनगढ़ मे श्री जैन मंदिर सदर बाजार से एक रैली निकाली जो नगर के सभी प्रमुख मार्गो सदर बाजार, झंडा चौक, पूराना बस स्टैंड सब्जी मंडी,बस स्टैंड, नीमच सिंगोली रोड़,अटल चौराहा से होते हुए टप्पा तहसील कार्यालय पर पहुंची जहां देश के माननीय राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम नायब तहसीलदार श्रीमती मोनिका जैन को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर मंगल जैन, राजेश पटवा, नवीन जैन, हिम्मत जैन, अनिल मित्तल, संतोष मित्तल, लक्ष्मीलाल जैन, विकास मित्तल, विशाल मित्तल, रवि मित्तल, विजय मित्तल,सुनिल जैन, अभिषेक मित्तल, विमल जैन, अशोक जैन, धिरज व्यास, टिंकू बना, शिवनंदन छिपा, सुरेश साहू सहित रतनगढ़ क्षेत्र के जैन समाज के महिला पुरुष व युवक युवतियां बडी संख्या मे उपस्थित थे।
ज्ञापन का वाचन लक्ष्मीलाल जैन एवं आभार नवीन जैन के द्वारा माना गया।