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तीर्थराज सम्मेद शिखर को वन्य अभ्यारण्य एवं पर्यटक स्थल घोषित करने पर जैन समाज मे जबरदस्त रोष

प्रदीप जैन December 12, 2022, 6:56 pm Technology

मौन रैली निकाल कर राष्ट्रपती के नाम तहसीलदार को दिया ज्ञापन।

 सिंगोली। झारखंड राज्य मे पारसनाथ पर्वत पर स्थित जैनियो की आस्था के केंद्र तीर्थराज सम्मेद शिखर जी को झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार की अनुमति से पर्यटक स्थल घोषित कर जैन समाज की आस्था पर आघात पहुंचाने का काम किया है। सरकार के इस निर्णय पर पुरे देश मे जैन समाज द्वारा विरोध प्रकट किया जा रहा है। इसी क्रम मे सिंगोली सकल जैन समाज द्वारा सोमवार दोपहर एक बजे बापु बाजार से मौन रैली निकाल कर राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार विगत तीन-चार वर्ष पहले झारखंड सरकार ने पारसनाथ पर्वत को बिना जैन समाज की सहमति के वन्यजीव अभ्यारण्य पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान पर्यटन धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाए। पारसनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग ओर तीर्थ माना जाता है लिखकर तीर्थराज की स्वंतत्र पहचान और पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रिय वन मंत्रालय द्वारा द्वारा जारी अधिसूचना क्र 2795 ई दिनांक 2 अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए पारसनाथ पर्वतराज ओर मधुबन को मांस- मदिरा बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण सामान जांच हेतु सीआरपीएफ व स्कैनर सीसीटीवी कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित किया जाए जैसी प्रमुख मांगो को लेकर सकल जैन समाज ने दोपहर एक बजे बापु बाजार से विशाल मौन रैली निकाल कर माननीय राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री,माननीय केंद्रिय वन एवं पर्यावरण मंत्री, मुख्यमंत्री झारखंड राज्य के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया। ज्ञापन देते समय समाज के वरिष्ट प्रकाश नागौरी, भगवती लाल मोहिवाल बोराव, प्रतिभा जैन, भंवरलाल कछाला ने अपने विचार व्यक्त कर तीर्थराज सम्मेद शिखर पर शासन के निर्णय को वापस लेने की मांग की गई ज्ञापन का वाचन प्रदीप जैन ने किया। रैली मे सिंगोली सहित बोराव धांगमऊ झांतला कदवासा धनगांव थड़ौद कास्यां सहित अनेक स्थानो के श्रावक श्राविकाए बालक बालिकाए उपस्थित थे। उपरोक्त विषय को लेकर विश्व जैन संगठन द्वारा पूर्व मे भी कई बार सरकार को ज्ञापन ओर याचिका दक गई परन्तु सरकार की ओर से कोई सकारात्मक निर्णय नही आने के कारण पुरे देश मे जैन समाज विरोध प्रदर्शन कर रहा है। समाजजनो का कहना है की यदी सरकार जैन समाज की आस्था पर आघात के निर्णय को वापस नही लेती हे तो सकल जैन समाज द्वारा आनंदोलन को तेज किया जाएगा।

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