होटल संचालकों की लापरवाही और आम जनजीवन के साथ होता खिलवाड़, खाद्य सुरक्षा विभाग बना लापरवाह जिला प्रशासन भी मूकदर्शक

मंगल गोस्वामी August 26, 2022, 5:51 pm Technology

मनासा। मिलावट की दहलीज पर एक गोली रोज लेकर जिन्दगी मे अपने आप को स्वस्थ समझता मनुष्य, आखिर इन मिलावटखोरो पर क्यो नही होती ठोस कार्रवाई..?, शहर की होटलो मे आमजन के रोजमर्रा मे आने वाली कचोरी, समोसा मे मिलाई जाने वाली चटनी आदि सभी प्रकार की मावा रहित मिठाईया व बैठने की व्यवस्था साफ सफाई भण्डारण कक्ष खुला तेल आदि अन्य वस्तुओ को लेकर खुली चुनोती देती शहर की होटले, खाद्य विभाग प्रशासन की निस्क्रयता का परिणाम बनती जा रही है। वर्तमान में कई होटलो मे देखा जा सकता है कि बड़ी- बडी मिष्ठान की होटले खाद्य अधिकारी की नजर से दुर है। या फिर वो जाना नही चाहते, जहा उनको अनिमिताऐ मिल सकती , आमजन के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए शहर की बडी होटलो मिष्टानो को क्रम वार से जांच करने से आमजन के स्वास्थ्य के प्रति लाभ होगा। और बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियो से आम जनजीवन को बचाया जा सकता है। महंगाई के इस दोर मे शुध्द अच्छी चीज खाने के लिए ग्राहक कीमत नही वहा की शुध्दता और साफ सफाई को देखता है, वही देखने मे आ रहा, कि रक्षाबंधन त्योहार के बाद से अस्पतालो मे बिमार लोगो भीड लगातार देखने को मिल रही है। यु तो मनासा नगर मे कई स्थानो पर खाद्य विभाग के अधिकारी की कार्रवाई की खबरे सुनने देखने मे रही लेकिन कार्रवाई केवल ढाक के तीन पात वाली साबित हो रही है। और यही हाल नीमच का भी है। वही प्राप्त सुत्रो की जानकारी अनुसार गाव व शहर मे होने वाले आयोजन शादी-ब्याह, मोसर के दौरान बची हुई सेव चक्की गुलाब जामुन जेसी चीजे होटलो पर खरीदी बेची जा रही है। जेसे ही शहर मे कारवाई करने अधिकारी आते है तो ठीक उसके विपरीत आप पास के लोगो मे यह चर्चा शुरू हो जाती है। कि कुछ नही होना जाना है ले देकर मामला रफा दफा हो जाऐगा, क्या यही चर्चा वास्तविक है, या शहर मे कई ठोस कार्रवाई हुई हो, ओर उस कारवाई से कुछ व्यस्थाऐ बदली हो, जिससे जनता मे खाद्य विभाग के प्रति विश्वास बढे और आमजन उपयोग मे आने वाली चिजो को निश्चित होकर खरीद सके।

फिलहाल इस प्रकार की कोई बड़ी कार्यवाही देखने को नहीं मिल रही है परंतु जैसे ही एक या दो होटल पर कार्यवाही होती है तो तुरंत आनन-फानन में सभी होटल संचालक कुछ दिन तक साफ सफाई पर ध्यान देते हैं। दो-चार दिन निकलने के बाद वही हाल वापस देखने को मिलता है। इस मामले में जिला खाद्य सुरक्षा विभाग का रवैया पूरी तरह से उदासीन दिखता है।

मजे की बात यह है कि अगर इस मामले में कोई व्यक्ति सीधा जिला खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचित करना चाहता है तो वे फोन तक उठाना उचित नहीं समझते ऐसे में आमजन जीवन के साथ खिलवाड़ हो ना तो वाजिब है। पहले भी इस प्रकार के समाचार आने के बावजूद जिला प्रशासन ने गंभीरता पूर्वक इस मामले पर कोई कार्यवाही करना उचित नहीं समझा अब देखते हैं कि आखिर जिला प्रशासन कब खाद्य विभाग को गंभीरता से कार्यवाही करने के लिए आदेशित करता है ..? या फिर आम जनजीवन के साथ इसी प्रकार से खिलवाड़ जारी रहेगा।

Related Post