सीएम हेल्पलाइन बनी सुर्खियों की हेडलाइंस, बिना निराकरण के हटा दी जाती है शिकायते, करोडो के घोटाले करने वाले सीएम हेल्पलाइन को रखते है ताक पर पढ़े ख़ास खबर

करण नीमा बाबा July 3, 2022, 5:49 pm Technology

नीमच। हां मैं बात कर रहा हूं मध्यप्रदेश के एमपी जिला नीमच की जिससे आप पूरे मध्यप्रदेश के शासकीय विभागों में की जाने वाली सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का आंकलन लगाकर यह समझ सकते हैं की कैसे की जा रही विभागों में सीएम हेल्प लाइन पर की जाने वाली शिकायतों पर कार्यवाही हमारे मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई गई मुहिम सीएम हेल्पलाइन का उद्देश्य यह था कि प्रदेश के विभागों में की जाने वाली शिकायतों पर अगर संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं देता है तो उसका निराकरण सीएम हेल्पलाइन द्वारा निष्पक्षता के साथ किया जाए और आमजन को राहत मिले।

परंतु संबंधित विभागों में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही एवं पक्षपात को देखते हुए आज सैकड़ों शिकायत विभागों में लंबित है एवं जिन शिकायतों का निराकरण हुआ है। उनमें से अधिकांश शिकायतों में लीपापोती के अलावा कुछ सामने नहीं आया है उदाहरण के तौर पर आज से लगभग 9 वर्ष पूर्व नीमच तहसील की ग्राम पंचायत जमुनिया कला की 21 नंबर विवादित बहुमूल्य भूमि अतिक्रमण काफी अखबार की सुर्खियों में रहा है यह सिलसिला तब से चल रहा है जब नीमच महू राजमार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत जमुनिया कला के मुख्य मार्ग पर भू माफियाओं द्वारा निर्माण कार्य कर अतिक्रमण किया जा रहा था।

परंतु जागरूक नागरिकों द्वारा संबंधित विभाग में शिकायत करने पर मौके पर पहुंच पंचनामा बनाकर निर्माण कार्य को रोक दिया गया एवं आधे अधूरे निर्माण कार्य को हटाने का आदेश भी पारित किया गया, परंतु विभागीय लापरवाही के चलते हुए आज दिनांक तक अतिक्रमण ज्यों का त्यों मौजूद हालांकि रिकार्ड में अतिक्रमण कर्ताओं ने एक दूसरे को दोषी बताते हुए अतिक्रमण से अपना पल्लू झाड़ दिया एवं कोई अतिक्रमण की जिम्मेदारी अपने सर नहीं ली परंतु उसके बाद भी उस अधूरे निर्माण का मटेरियल हटवाने का विभाग द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया।

इसी का नतीजा वहां पर एक के बाद एक निरंतर अतिक्रमण हो कर दर्जनों अतिक्रमण की एक अच्छी खासी लाइन लग चुकी है और वर्तमान में भी अतिक्रमण करता द्वारा ही अन्य भूमि पर भी आवश्यकता से अधिक अतिक्रमण किया जा कर उसका विक्रय कर काली कमाई की जुगाड में लगे हुए हे जिसकी शिकायत मुन्नालाल भंडारी एवं सरपंच विनोद कुमार जयसवाल द्वारा संबंधित अधिकारी को की गई एवं मामले को संज्ञान में लेते हुए न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया गया की तत्काल प्रभाव से बेशकीमती शासकीय भूमि को अतिक्रमण कर्ताओं से समय सीमा के अंदर अतिक्रमण मुक्त करवाया जाए एवं प्रतिदिन ₹200 प्रत्येक अतिक्रमण करता द्वारा जुर्माना वसूला जाए।

लेकिन आज तक सिर्फ कागजों में आदेश पारित हो रखे हे और मौके पर दिन-ब-दिन अतिक्रमण कर्ताओं के होंशले बुलंद होकर उनके द्वारा अन्य भूमि पर भी अतिक्रमण करने का प्रयास जारी जिसकी कोई निर्धारित सीमा नही है एवं अतिक्रमण कर्ता अपात्र होने के साथ साथ चल अचल संपत्ति के मालिक होना भी दर्शाते हे साथ साथ ही अतिक्रमण कर्ता द्वारा अतिक्रमण भूमि को अपना पूर्ण अधिकार बताते हुए भूमि का विक्रय कर अच्छी खासी राशि भी वसूल कर रहे हे।

और तो और अपनी गलत जानकारी देते हुवे अपना चुनावी नामांकन फार्म डाल अपनी श्रेष्ठ उम्मीदवारी भी जाता रहे हे इसी विभागीय लापरवाही एवं निठल्ले पन को देखते हुए जिसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत क्रमांक 9949807 की गई लेकिन लंबे समय से लंबित चली आ रही है। परंतु आश्चर्य की बात यह है कि विभाग द्वारा ही हटाने का आदेश पारित किया जाता है और मौके पर स्थिति ज्यों की त्यों बरकरार है उसके बावजूद स्थिति पर अंकुश लगाते हुवे शिकायत का निराकरण करने की बजाए उसी विभाग द्वारा शिकायतकर्ता पर अपनी शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जाता है एवं नही लेने पर शिकायतकर्ता को बिना संतुष्ट किए बिना सहमति के शिकायत से शिकायतकर्ता को संतुष्ट बता कर हटा दी जाती है और हटा भी दी गई।

सीएम हेल्पलाइन की क्षेत्रीय शाखा नीमच मैं बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर को आकाओं का आदेश दिया जाता है हटा दी जाए और हटा दी जाती है। इसका पता तब चला जब दोबारा शिकायतकर्ता द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर कॉल कर शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने की बात बताई जाती है तो वहां से क्षत्रिय विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाने की बात बताई जाती है एवं शिकायतकर्ता को भी कार्यवाही से संतुष्ट बताया जाता है एवं बेबुनियाद कारणों को दर्शाते हुए अपना जवाब भी स्वयं बिना शिकायतकर्ता के नॉलेज में जानकारी में लाते बिना सहमति लेते हुए अपडेट कर दिया जाता रहा है क्षेत्रीय संबंधित विभाग के अधिकारियों की जब कार्यप्रणाली शिकायतकर्ता के सामने आई तब पुनः पुरानी शिकायत क्रमांक 9949807 को न्यू शिकायत क्रमांक 18113614 से रिओपन करवा दिया गया।

आश्चर्य जनक बात है एक तरफ तो उसी विभाग के अधिकारी अतिक्रमण को हटाने का आदेश पारित करते हैं और दूसरी तरफ वही अधिकारी कागजी लीपापोती कर बेबुनियाद कारण बताकर अपने दायित्वों से मुंह मोड़ रहे ऐसी स्थिति यह दर्शाती है और आमजन की चर्चाओं में सामने आया है कि विभाग के अधिकारियों की अतिक्रमण कर्ताओं से सांठगांठ हो चुकी है और अतिक्रमण कर्ताओं से इस एवज में विभाग द्वारा अच्छी खासी मोटी रकम वसूली जा रही हे इसका भी चर्चाओ का बाजार गर्म हे अब आप अनुमान लगा सकते हे की विभाग में बैठे अधिकारियों द्वारा किस प्रकार से न्याय व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है। तो पूरे प्रदेश का शिव शासन केसा होगा। ऐसी कई विभागीय सिकायते लापरवाही निठल्ले पन की सामने आई है जिसमे शिकायतों को शिकायतकर्ता को संतुष्ट किए बिना 10-10 बार शिकायते हटा दी गई। पर ऐसे शिकायत कर्ता हिम्मत नही हारते हुए जनहित याचिका लगाने पर भी अब पूरी तैयारी पर है।

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