नगर परिषद चुनाव मे टिकिट वितरण को लेकर भाजपा ओर कांग्रेस के सामने बड़ी परेशानी, टिकिट ना मिलने पर दोनो दलो मे बगावत की प्रबल संभावना, क्या तीसरे मोर्चे को हो सकता है लाभ..?

प्रदीप जैन June 12, 2022, 9:20 pm Technology

सिंगोली। प्रदेश मे होने वाले निकाय चुनाव को लेकर नीमच जिले की सिंगोली नगर परिषद के चुनाव हेतू भाजपा ओर कांग्रेस दोनो ही दल दमखम से लग गए है।

दोनो ही दल अपने अपने संगठन के पदाधिकारियो के माध्यम से चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगो के आवेदन ले रहे है। ओर फार्म लेकर संगठन के निर्देश अनुसार जिला नेतृत्व के पास भेजने का काम कर रहे है।

सिंगोली नगर परिषद के 15 ही वार्डो मे चुनाव लड़ने वाले दावेदारो की लम्बी लिस्ट देखने और सुनने मे आ रही है। इसबार चेयरमेन का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने के कारण पार्षदो का महत्व अधिक हो गया इसलिए हर कोई व्यक्ति पार्षद बनने के लिए लालायित दिखाई दे रहा है। दोनो ही दलो मे चुनाव लड़ने वाले लोगो के आवेदन आ रहे है।

अब टिकिट वितरण को लेकर भाजपा ओर कांग्रेस दोनो ही दल पशोपेश की स्थित मे दिखाई दे रहे है। भाजपा और कांग्रेस के सामने परेशानी ये है कि किसे टिकिट दे और किसे ना दे, टिकिट वितरण मे सभी लोगो को संतुष्ट करना कदाचित संभव नही है।क्योकि सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व मिल जाए ये हो नही सकता इसलिए दावेदारो मे नाराजगी आना सामान्य बात है।

अब कौन कितनी जल्दी नाराज लोगो को मनाकर अपने संगठन की जीत के लिए लगा देता है उसी पर सब कुछ तय है। यदी दोनो दलो से ऐसा नही हुआ तो नुकसान होना तय है। क्योंकि टिकिट नही मिलने की बात पर दोनो दलो मे बगावत की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है। इतना ही नही नगर मे तो ये चर्चा भी जौरो पर है की टिकिट नही मिलने की स्थित मे दोनो दलो के नाराज लोग मिलकर एक तिसरा मोर्चा बना कर भी चुनाव लड़ने की तैय्यारी मे है।

अब देखना यह है की दोनो ही दल टिकट वितरण कैसे करते है और अपने अपने नाराज लोगो को कैसे ओर कितना संतुष्ट कर पाते है। हालांकि संगठन का डण्डा अपनी ताकत दिखाने मे भी पिछे नही रहेगा इस बात से वाकिफ होते हुए भी लोग बगावत करने के मुड़ मे लग रहे है।

क्षैत्रिय विधायक एवं केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के प्रभाव का लाभ भाजपा को मिल सकता है :-

नगर परिषद चुनाव मे टिकिट वितरण से लेकर चुनाव जितने तक की मुख्य जिम्मेदारी क्षैत्रिय विधायक एवं केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के उपर है इसलिए भाजपा मे बगावत की बहुत कम संभावना है यदि टिकिट वितरण सही नही किये तो बगावत से इंकार भी नही किया जा सकता है।

कांग्रेस का सारा दारोमदार जिला संगठन पर निर्भर रहेगा :-

इस बार के निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस भी बहुत संभल कर हर कदम उठा रही है और टिकिट वितरण से लेकर चुनाव जितने तक की मुख्य जिम्मेदारी जिला संगठन की है वही जिले के नेता राजकुमार अहिर सत्यनारायण पाटीदार सहित ब्लाॅक अध्यक्ष बनवारी जोशी पर भी पुरी जिम्मेदारी रहेगी। टिकिट वितरण करने मे यहां भी कमी रही तो बगावत होने मे देर नही लगेगी।

चेयरमेन पद अनारक्षित होने से दोनो दलो मे चेयरमेन के दांवेदार अधिक :-

इस बार नगर परिषद चेयरमेन का पद अनारक्षित होने के कारण भी पार्षद का चुनाव लड़कर चेयरमेन बनने के ख्वाब देखने वालो की संख्या अधिक होने से दोनो दलो के लिए परेशानी का कारण रहेगा। खेर जो भी हो आखिर दोनो दलो के पास मजबूत संगठन की मजबूत डोर है जो परिस्थिति बनेगी उसे निपटने मे दोनो दल सक्षम है। पर कुल मिलाकर चुनाव बहुत की कांटे का होकर जबरदस्त होगा इसमे कोई संदेह नही है। अभी से कुछ कहना बेमानी होगा अभी तो सिर्फ तेल देखो और तेल की धार देखो।

Related Post