उज्जैन। वर्ष 2016 में हुए सिंहस्थ की तर्ज पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में अब भक्तों को चलित भस्मारती में प्रवेश मिल सकेगा। महाकाल मंदिर समिति ने यह निर्णय किया है भस्मारती का पंजीकरण करने से जो भक्त रह जाएंगे, उन्हें कार्तिकेय मंडपम की अंतिम दो पंक्तियों से चलित भस्मारती में प्रवेश दिया जाएगा। फिलहाल, प्रयोग के रूप में 7 दिनों तक व्यवस्थाओं को देखा जाएगा। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाँकाल के मंदिर में पूरे देश से श्रद्धालु बाबा महाँकाल की अल सुबह होने वाली भस्म आरती के लिए पहुंचते हैं। महाकाल मंदिर समिति द्वारा भस्मारती में भक्त को शामिल होने के लिए मंदिर समिति द्वारा ऑनलाइन या ऑफलाइन इजाजत लेना पड़ती है। अभी महाकाल मंदिर में भस्म आरती में दो हजार श्रद्धालुओं के बैठने का प्रबंध है। दरअसल, सावन के माह में बाबा महाकाल में भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है। उस दौरान कई श्रद्धालु भस्मारती में भी शामिल होना चाहते हैं, मगर पंजीकरण ना होने के चलते भस्म आरती में जाने से रह जाते हैं। ऐसे भक्तों के लिए उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने मंदिर समिति के समक्ष प्रस्ताव रखा कि इन श्रद्धालुओं को कार्तिकेय मंडप के पीछे की दो कतारों से चलित भस्म आरती के दर्शन कराए जाएं। इसे प्रयोगात्मक तौर पर 7 दिनों के लिए शुरू किया जाएगा। यदि यह व्यवस्था सफल होती है, तो इस आगे भी जारी रखा जा सकता है। यहदि यह व्यवस्था सफल होती है तो मंदिर में आने वाले किसी भी भक्त को भस्म आरती में शामिल होने से वंचित नहीं होना पड़ेगा।