नीमच। राज्य शासन द्वारा बालिका सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को लाडली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करने का निर्णय लिया गया है।
ग्राम पंचायतों को लाडली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करने के लिए मापदण्ड निर्धारित किए गए है। तदानुसार पंचायत क्षेत्र में बाल विवाह शून्य प्रतिशत, पंचायत क्षेत्र में समस्त पात्र बालिकाओं का 12 वीं कक्षा में शतप्रतिशत प्रवेश, पंचायत क्षेत्र में पिछले एक वर्ष में बालक एवं बालिका के जन्म में समानता अथवा लिंगानुपात में औसत रूप से वृद्धि का मूल्यांकन, पंचायत क्षेत्र में सभी लाडलियों का टीकाकरण, पंचायत क्षेत्र में सभी लाडली किशोरी बालिकाओं के रक्त में हीमोग्लोबिन प्रतिशत सामान्य स्तर होना आदि मापदण्ड निर्धारित किए गए है।
कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने जनपदों के सीईओं को निर्देश दिए है, कि वर्तमान में लिंगानुपात की पंचायत वार समीक्षा, बेटी बचाओं अंतर्गत तैयार कार्ययोजना का क्रियान्वयन, पंचायतों में बेटी जन्म पर उत्सव का आयोजन, बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन जून, जुलाई माह में स्कूल चले अभियान हेतु विशेष कैंपेन, आंगनवाडी की 6 वर्ष की बालिका का शाला में प्रवेश, बाल-विवाह के बारे में जागरूकता, प्रत्येक त्रैमास में लिंगानुपात सुधार की पंचायतवार समीक्षा, ऐसी पंचायतें जिनमें लिंगानुपात में पूर्व वर्ष की तुलना में सुधार हुआ है, उनको पुरस्कृत करें, बालिकाओं के लिए जागरूकता सत्रों का आयोजन आदि गतिविधियों का आयोजन सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने बताया कि उपरोक्तानुसार मापदण्डों की पूर्ति करने वाली पंचायतों के प्रस्ताव को प्रतिवर्ष जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजनाकी टास्क फोर्स समिति में रखा जायेगा तथा उपयुक्त पाए जाने पर उन पंचायतों को जिला स्तर से लाडली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित किया जायेगा।