नई दिल्ली। देश में कोराना की चौथी लहर आने की आशंकाओं के बीच बीते 24 घंटे में कुल 67 कोविड मरीजों की जान कारोना वायरस ने ले ली। जबकि अलग-अलग राज्यों में कुल 1938 पॉजिटिव केस की पहचान की गई है।
इनमें कई लोग Omicron+ Delta BA.2 वेरिएंट के शिकार बने हैं। जानकारों के मुताबिक कोरोना का नया सब वेरिएंट तेजी से फैलाव वाला वायरस है। यह फेफड़ा की बजाय गला को जाम कर देता है। इससे सांस की नली और उपरी श्वसन प्रणाली बुरी तरह प्रभावित होती है।
कोरोना की चौथी लहर का मुख्य कारक माना जा रहा सब वेरिएंट BA.2 ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के मेल से बना है। यह पहले के वायरस के मुकाबले अधिक संक्रामक है, और तेजी से फैलता है। कोरोना वायरस का बेहद असरदार वेरिएंट माना जा रहा BA.2 का प्रसार मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली में कई गुना अधिक होता है।
इसके शुरुआती लक्षण फेफड़ों से संबंधित नहीं हैं। BA.2 वेरिएंट के दो विशिष्ट लक्षण सामने आए हैं। जिसमें चक्कर आना और थकान होना शामिल हैं। ओमिक्रॉन+डेल्टा बीए.2 वायरस से संक्रमित होने के दो से तीन दिनों के भीतर इसके दोनों लक्षण प्रकट हो सकते हैं और संक्रमित मरीजों में पहले के मुकाबले अधिक समय तक रह सकते हैं।
स्टील्थ ओमिक्रॉन के नाम से जाना जाने वाला BA.2 नाक के बजाय आंत को प्रभावित कर रहा है। जिससे संक्रमित मरीजों को पाचन तंत्र से संबंधित कई समस्याएं होती हैं। कोरोना वायरस का यह सब वेरिएंट आरटीपीसीआर टेस्ट में भी पकड़ में नहीं आ रहा है। जांच के दौरान यह पकड़ में आए ऐसा जरूरी नहीं है। BA.2 से पेट में सूजन-दर्द, शरीर में ऐंठन, डिप्रेशन और दस्त- उल्टी, जैसी पाचन समस्याएं हो सकती हैं।
Omicron+Delta BA.2 वेरिएंट के अन्य लक्षणों में पहले की तरह बुखार आना, खांसना, गले में खरास, सिर में ब्लड क्लॉट बनना, मांसपेशी और जोड़ों में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर शामिल है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट में गंध या स्वाद की कमी तथा सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं नहीं होंगी। इधर केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण और कोरोना की चौथी लहर आने के प्रबल संकेतों के बीच तैयारी तेज कर दी है।
इंडियन Sars-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टियम ने कोरोना संक्रमितों का सैंपल लेना शुरू कर दिया है। उच्च जनसंख्या घनत्व वाले इलाकों में गहन निगरानी की जा रही है। कोविड टास्क ग्रुप के प्रमुख ने बताया कि कोविड -19 के लिए मानव निगरानी के साथ-साथ पर्यावरण निगरानी भी की जाएगी। देश में अब तक कोरोना वायरस की पहचान सिर्फ ह्यूमन सैंपलिंग के जरिये ही की गई है। ऐसे में समुदाय को संक्रमण से बचाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। कोविड टास्क ग्रुप के प्रमुख अरोड़ा ने कहा कि भारत पहले ही ओमिक्रॉन+डेल्टा से बने सब वेरिएंट BA.2 के संपर्क में आ चुका है।
जो कि वर्तमान में कई देशों में फैल रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में प्राकृतिक संक्रमण और सामूहिक टीकाकरण के कारण प्रतिरक्षा अधिक है। कोरोना की चौथी लहर से बचने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं।