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मुख्‍यमंत्री बाल श्रवण योजना से हुआ मूकबधिर आदित्‍य का नि:शुल्‍क उपचार, बालक के जीवन में होगी नई खुशियां

NEEMUCH HEADLINES March 15, 2022, 5:33 pm Technology

नीमच। कलेक्टर मयंक अग्रवाल के निर्देशन में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का बेहतर क्रियान्‍वयन किया जाकर जन्म से 18 साल के बच्चो को निशुल्क इलाज किया जा रहा है।

नीमच जिले की जावद तहसील के तारापुर गांव का 5 वर्षीय बालक आदित्य जन्म से मूकबधिर था। आरबीएसके कीमेडिकल हेल्थ टीम ने स्क्रीनिंग के दौरान आदित्य की बीमारी का पता लगाया और उसका इलाज मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के तहत इंदौर के निजी अस्पताल में करवाया।

अब वह अन्‍य सामान्‍य बच्‍चों की तरह बोल व सुन सकेगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आदित्य का पिछले दिनों इंदौर के निजी अस्पताल नोबल हॉस्पिटल में कॉक्लियर इम्प्लांट का ऑपरेशन हुआ है।

आदित्य के माता पिता रमेश व सपना ने बताया कि जन्म के कुछ समय बाद पता चला कि उनका बच्चा सुन और बोल नही पाता है। कई जगह इलाज की कोशिश की गई लेकिन कोई फायदा नही हुआ। इसके बाद डॉ मिलिन्द रावल व डॉ रजनी राय द्वारा बच्चे की जांच की और माता पिता को बच्चे की परेशानी के बारे पूरी तरह से समझाया।

बच्चे के माता पिता ऑपरेशन की गंभीरता को लेकर काफ़ी समय तक इलाज के लिए सहमती नही दे पा रहे थे। जब इस बात की जानकारी जावद एसडीएम राजेंद्रसिंह और बीएमओ डॉ.राजेश मीणा को दी गई, तो उन्‍होने भी बच्चे के माता पिता की काउंसलिंग कर आदित्‍य के इलाज के लिए समझाईश दी।

आदित्‍य की प्रारंभिक जांच जिला अस्पताल नीमच में होने के बाद बच्चे को इंदौर रेफर किया गया। जहां डॉक्टरों ने जाँच करने के बाद ऑपरेशन का खर्चा 6 लाख 50 हज़ार बताया। जिला स्तर पर आरबीएस के डीआईसी मैनेजर दिनेश मालवीय ने मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के तहत प्रकरण बनाकर सीएमएचओ डॉ. एस. एस. बघेल व समिति से स्वीकृत कर, शासन द्वारा निशुल्क इलाज करवाया गया। म.प्र.शासन की ओर से 6 फरवरी 2022 को आदित्य का इंदौर में सफ़लतम नि:शुल्‍क ऑपरेशन हुआ है।

अब एक साल तक आदित्‍य की स्पीच थेरेपी होगी, पूर्ण रूप से स्पीच थेरेपी लेने पर, आदित्य अन्‍य सामान्‍य बच्‍चों की तरह बोल व सुन सकेगा। बीएमओ डॉ. राजेश मीणा ने बताया, कि आरबीएसके योजना के तहत जावद तहसील में अभी तक मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना में 41 बच्चों का और मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में 10 बच्चों का इलाज कराया जा चुका है।

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