मनासा। गांधीसागर के पानी से जिले के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा। इसके लिए बजट में रामपुरा मनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति मिली। करीब 1209 करोड़ रूपए की लागत से उक्त योजना का काम किया जाएगा।
इसमें करीब 65 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। मनासा विधानसभा सहित जावद व नीमच के 215 गांव के करीब 80 हजार किसानों को सिंचाई योजना को लाभ मिलेगा। विधायक अनिरुद्ध मारू ने बताया कि विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा व जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से भेंट कर स्वयं भोपाल ईएनसी कार्यालय पहुंचा।
योजना की डीपीआर बनाई ओर उसका अवलोकन किया। उसी का नतीजा बजट में उक्त योजना को मंजूरी मिली। मनासा विधानसभा क्षेत्र की रामपुरा-मनासा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना हैं। स्थानीय जलसंसाधन विभाग ने करीब 1209 करोड़ की डीपीआर तैयार की। स्वीकृति के लिए लंबे समय से प्रयासरथ था।
भोपाल प्रवास के दोरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से भेंट कर मनासा-रामपुरा उद्वहन सिंचाई योजना की स्वीकृति की चर्चा करता। विभागीय अधिकारियों से उक्त योजना की समीक्षा करता। जब पता चला कि प्रकरण जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता बोधी कार्यालय भोपाल लंबित है तो वहां पहुचकर ओर प्रमुख अभियंता जेपी सोनी से मुलाकात की।
नीमच ईएनसी मदन दावर, मनासा विभागीय एसडीओ हिमांशु भाभोर को बोधी कार्यालय भोपाल बुलाया और स्वयं परियोजना का अवलोकन किया ओर पूरी योजना की जानकारी ली और परियोजना स्वीकृति में आ रही परेशानी से प्रमुख अभियंता सोनी को अवगत कराया। विधायक ने बताया मनासा को गांधीसागर का पानी मिले और हमें हमारा हक मिले इसको लेकर विधानसभा में भी मुद्दा उठाया था। विधानसभा में यह विषय प्रमुखता से रखा था एवं बताया कि एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधीसागर बांध जो पूरा मनासा विधानसभा से लगा हुआ हैं। मनासा विधानसभा की सबसे अधिक करीब 34 हजार हेक्टेयर भूमि बांध निर्माण में दी। करीब 150 गांव विस्थापित हुए।
किसानों को अपनी संपति और गांव छोड़कर जाना पड़ा। लेकिन आज तक मनासा विधानसभा और नीमच जिले को उसका कुछ लाभ नहीं मिला हैं। तत्कालिन सरकार ने गांधी सागर का पानी राजस्थान को दिया लेकिन कितना दुर्भाग्य हैं करीब 1962 में बांध बना। जो आज करीब 58 साल बाद भी गांधीसागर बांध से नीमच जिला को लाभ लेने से वंचित रखा जा रहा हैं। जिस क्षेत्र और जिस जमीन पर बांध निर्माण हुआ उस क्षेत्र को उसका कोई लाभ नहीं मिलना इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात ओर कोई हो नहीं सकती हैं। तब से मनासा-रामपुरा उद्धवन सिंचाई परियोजना स्वीकृति कराने में लगा हुआ था।
विधानसभा की गुंज हम सबके लिए वरदान साबित हुई। हमें हमारा हक मिला और मनासा को महत्वपूर्ण सौगात मिली।