किसी भी उम्मीदवार को चयन से वंचित नहीं किया है - डॉ.बघेल
नीमच। मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीमच डॉ. एस. एस. बघेल ने रतलाम से प्रकाशित एक राज्य स्तरीय समाचार पत्र में ’ एड्स सेंटर में तीन पदों की नियुक्ति व एक पद पर जाति के बजाय एचआईवी पॉजिटिव आरक्षित रखने पर उठे सवाल’ शीर्षक से 25 फरवरी 2022 को प्रकाशित समाचार का खण्डन किया है।
इस संबंध में उन्होने स्पष्ट किया है, कि म.प्र.राज्य एड्स नियंत्रण समिति म.प्र.भोपाल द्वारा एआरटी केंद्र में परामर्शदाता स्टाफनर्स एवं केयर कोआर्डिनेटर पद पर चयन हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये थे। उक्त दिशा निर्देशानुसार एक पद के लिए 10 से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होते है, तो ऐसी स्थिति में लिखित परीक्षा भी ली जा सकती है। इसका आशय यह नहीं है, सिर्फ लिखित परीक्षा ही ली जाना है।
लिखित परीक्षा का एक वैकल्पिक माध्यम है। अत: चयन समिति द्वारा सर्वसम्मति से उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार के माध्यम से करने का निर्णय लिया। इस कारण लिखित परीक्षा आयोजित नहीं की गई। किन्तु समाचार पत्र में इसके विपरित खबर प्रकाशित की गई है।
उक्त दिशा निर्देशों में स्पष्ट लेख है, कि केयर कोआर्डिनेटर पद हेतु उम्मीदवार “ should be a living with HIV “ होना चाहिए। उक्त पद हेतु चयन समिति द्वारा लिये गये साक्षात्कार में पलास माने प्रथम स्थान पर थे, जिनका अन्य उच्च पद परामर्शदाता के पद पर भी प्रथम स्थान पर चयन हुआ था।
अत: चयन समिति द्वारा केयर कोर्डिनेटर पद हेतु सर्वसम्मति से दुसरे स्थान पर चयनित उम्मीदवार आरती पाटीदार पति राहुल पाटीदार का उक्त पद हेतु चयन किया गया है, जो दिशा निर्देशों के अनुरूप होकर सही है। उक्त चयन में किसी भी उम्मीदवार को चयन से वंचित नहीं किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीमच ने बताया, कि उक्त विज्ञापित पद अनारक्षित श्रेणी के थे। अत: किसी भी श्रेणी के उम्मीदवार का चयन किया जा सकता है। कार्यालय द्वारा रोस्टर का पालन किया गया है। समाचार पत्र में उल्लेख है, कि people living with HIV को आरक्षण दिया गया, जो सर्वथा गलत है।
दिशा निर्देश में people living with HIV को प्राथमिकता देने के निर्देश है। प्राथमिकता एवं आरक्षण दोनो अलग-अलग है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया, कि 25 फरवरी को उक्त के संबंध में प्रकाशित समाचार पूर्णत:निराधार है।