नीमच। नीमच जिले के जनपद नीमच के ग्राम कनावटी के किसान अपने खेत में सौर ऊर्जा पम्प स्थापित कर अब बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन गए है। पहले वे सिंचाई के लिए बिजली पर निर्भर थे उसमे भी कुए में हिस्सेदारी होने से दिक्कत रहती थी।
ऐसे में मध्य प्रदेश शासन की सौर ऊर्जा पंप योजना के लिए उन्होंने आवेदन दिया और शासन की और से उन्हें योजना का लाभ मिला और 5 HP का सौर ऊर्जा पंप उनके खेत पर स्थापित किया। अब उन्हें सिंचाई के लिए बिजली और दुसरो पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। प्रगतिशील कृषक होने के कारण प्रभुलाल धनगर बहु फसली फसल प्रणाली को अपनाते है।
जिसमे लहसुन मुख्य नकदी फसल है। लहसुन में पहले वो क्यारी विधि से सिंचाई करते थे, जिससे भूमि कठोर होने से गाँठ का आकर सही नहीं बनता था, पानी भी ज्यादा लगता था और सिंचाई के लिए अलग से एक मजदूर की जरुरत लगती थी। इसी समस्या का निराकरण मिला उन्हें स्प्रिंकलर सिंचाई में।
कृषि विभाग के ब्लॉक तकनिकी मैनेजर नीमच के कहने पर उन्होंने लहसुन की फसल में स्प्रिंकलर का प्रयोग किया परिणाम बहुत अच्छे रहे और उनके सिंचाई में लगने वाले मजदूर की बचत के साथ ही पानी की अच्छी बचत होने लगी और जमीन कठोर नहीं होने से कांड का विकास भी अच्छा हुआ, जिसका बाजार भाव भी उन्हें अच्छा मिला। श्री धनगर अपनी खेती के साथ अन्य लोगो की भूमि भी बंटाई पर लेकर कृषि कार्य करने लगे समय और पानी की बचत ने इसमें उनका साथ दिया।
पहले उनके पास केवल 0.4 हेक्टेयर के लिए स्प्रिंकलर थे जो आज बढ़कर 3 हेक्टेयर के लिए हो गया है। धनगर अपनी खेती में स्प्रिंकलर का अधिकतम उपयोग करते है,इससे फसलों में लगने वाले कीड़े और बीमारियों का प्रकोप तो कम होता ही है। पानी की भी बचत होती है,उससे वो अब तीसरी फसल भी कुछ क्षेत्र में ले पाते है। इस प्रकार सौर पंप और स्प्रिंकलर सिंचाई विधि ने कृषक प्रभुलाल धनगर की आय में बहुत बढ़ोतरी कर दी है।