लाखों रुपये के गबन मामले में जावद नगर परिषद् के निलंबित लिपिक यादव को जेल

NEEMUCH HEADLINES January 29, 2022, 5:06 pm Technology

जावद। शासकीय योजनाओं में लोगों को उसका लाभ ना देते हुए तथा श्रम पोर्टल के माध्यम से हितग्राहियों की राशि में हेरफेर कर अन्य के करीब 73 खाताधारकों में 85 लाख 19 हजार रुपये राशि भेजने के मामले में गिरफ्तार हुए एवं स्थानीय नगर परिषद के तत्कालीन ग्रेड 3 लिपिक पद पर पदस्थ रहे निलंबित कर्मचारी सत्येंद्र यादव पर आरोप है कि उन्होंने मध्यप्रदेश शासन की संबल योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को प्राप्त होने वाली राशि, परिचित लोगों के खातों में भेजने हुए गबन मामले में जानकारी मुताबिक उक्त शासकीय योजनाओं में हितग्राहियों को लाभ न देते हुए अन्य को दिए जाने मामले का यह घपला पिछले एक वर्ष से चलना बताया जा रहा ओर सबसे बड़ी हैरानी की बात यह कि इसकी जरा भी सुचना नगर परिषद के अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों को भी नहीं हुई यह चौक चौराहे पर चर्चाओं में चल रही है।

फिलहाल आरोपी सत्येंद्र यादव पर धारा 420, 409, 467, 468, एवं 471 आईपीसी की धारा में प्रकरण दर्ज के साथ ही 3 दिन की रिमांड अवधि बीते कल शुक्रवार को समाप्त होने पर स्थानीय पुलिस ने गबन मामले में जांच अधिकारी उप निरीक्षक एनएस चंद्रावत के निर्देश पर आरक्षक अरुण राठौर, नितिन सांखला द्वारा आरोपी सत्येंद्र यादव को नीमच रोड स्थित पुलिस थाना से न्यायालय में पेश किया गया।

यहां पर न्यायिक दंडाधिकारी महोदय प्रथम श्रेणी जावद न्यायाधीश रूपसिंह कनेल द्वारा आरोपी को आगामी 10 फरवरी तक न्यायिक हिरासत जेल भेजने का आदेश जारी किया गया है उक्त मामले में जांच अधिकारी एसआई एनएस चंद्रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी द्वारा यह बताया गया है कि संबल योजना के अंतर्गत आने वाले हितग्राहियों की जो राशि परिचित लोगों के खातों में ट्रांसफर की गई थी उस राशि से उसने 45 लाख रुपए के शेयर खरीदे, 20 लाख रुपए का एक प्लाट उज्जैन में खरीदा, 10 लाख रुपए बहन की शादी में खर्च बताया गया है फिलहाल आरोपी ने ऐसे किसी अन्य कर्मचारी या व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया जो गबन कार्य में उसके साथ शामिल हो, आरोपी ने गबन का गुनाह उसने स्वयं ने किया है।

अब पुलिस आगामी दिनों में उन लोगों से भी पूछताछ करेगी जिन लोगों के खातों में आरोपी के द्वारा राशि भेजी गई थी तथा गबन को लेकर पुलिस मामले की जांच कर रही है उन्होंने बीते दिनों साइबर सेल की सहायता से यह जानने का प्रयास किया जा रहा कि आखिर आरोपी द्वारा इस प्रकार का षड्यंत्र किस प्रकार किया गया है।

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