मकर सक्रांति के महापर्व का ख़ास महत्त्व, जानिए कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति, सही तिथि और शुभ मुहूर्त

NEEMUCH HEADLINES January 12, 2022, 3:04 pm Technology

नई दिल्ली। मकर संक्रांति का पर्व नजदीक है। इस साल कुछ जगहों पर मकर संक्रांति 14 जनवरी तो कुछ जगहों पर 15 जनवरी को मनाया जाएगा। सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो संक्रांति कहते हैं।

14 जनवरी को सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं। मकर राशि में सूर्य के आने से खरमास खत्म हो जाएगा और सभी तरह के मांगलिक कर्म फिर से शुरू हो जाएंगे। मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है। शनि को सूर्य का पुत्र माना जाता है। जब सूर्य मकर राशि में आता है तो ऐसा माना जाता है कि सूर्य अपने पुत्र के घर आए हैं। मकर संक्रांति के समय ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है। इस साल 15 जनवरी को सूर्य उत्तरायण हो रहा है।

इसके बाद से ठंड कम होने लगेगी और गर्मी बढ़ने लगेगी। मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त :- इस बार मकर संक्रांति पर शुभ मुहूर्त दोपहर में आरंभ हो रहा है। इस बार मकर संक्राति पर सुबह 8 बजकर 5 मिनट के बाद से स्‍नान दान का मुहूर्त है, क्योंकि सूर्य दोपहर 2 बजकर 9 मिनट पर मकर राशि में आ रहे हैं।

मकर संक्रांति पुण्यकाल:

2 बजकर 12 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक

महापुण्य काल मुहूर्त:

2 बजकर 12 मिनट से 2 बजकर 36 मिनट तक।

सूर्य पूजा का महापर्व है मकर संक्रांति :-

मकर संक्रांति सूर्य पूजा का महापर्व है। इस दिन सूर्य देव के लिए विशेष पूजा-अर्चना करने की मान्यता है। इस दिन किसी पवित्र सरोबरों में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने की मान्यता है। ब्रह्मपुराण में श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र सांब को सूर्य पूजा का महत्व बताया था। श्रीकृष्ण ने सांब को बताया था कि वे स्वयं भी सूर्य की पूजा करते हैं। जो लोग रोज नियमित रूप से सूर्य को जल चढ़ाते हैं, उनकी बुद्धि प्रखर होती है और बुद्धि से संबंधित कामों में सफलता मिलती है।

मकर संक्रांति पर दान का खास महत्व :-

मकर संक्रांति के मौके पर दान पुण्‍य करने का खास महत्‍व है। इस दिन गंगा स्‍नान, व्रत करने और कथा सुनने का खास महत्‍व होता है। मान्यता के मुताबिक इस दिन किया गया दान आपको अक्षय फल प्रदान करता है। इस दिन तिल और उससे बनी खाने की वस्‍तुएं दान की जाती हैं।

मकर संक्रांति को क्या करें? :-

-इस दिन सुबह-सुबह स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें।

- सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें।

- श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें।

- नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें।

- भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं।

- भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें।

- संध्या काल में अन्न का सेवन न करें।

- इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

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