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नए CDS की नियुक्ति तक आर्मी चीफ जनरल नरवणे को मिली कमान, सबसे वरिष्ठ होने से बने चेयरमेन

NEEMUCH HEADLINES December 16, 2021, 9:29 am Technology

नई दिल्ली। हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद फिर से पुरानी व्यवस्था अस्थायी रूप से शुरू हो गई है. सीडीएस का पद आने से पहले देश में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी हुआ करती थी. जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद क्योंकि सीडीएस का पद खाली हो गया है, इसलिए आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है।

सीडीएस का पद आने से पहले चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी ही तीनों सेनाओं के बीच कॉर्डिनेशन का काम करती थी. इस कमेटी में तीनों सेना के प्रमुख शामिल होते हैं. क्योंकि जनरल एमएम नरवणे सबसे वरिष्ठ हैं, इसलिए उन्हें इस कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि जब तक नए सीडीएस की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक यही व्यवस्था रहेगी. एक अधिकारी ने बताया कि सीडीएस की गैर मौजूदगी में वरिष्ठ प्रमुख चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन का पदभार ग्रहण करते हैं. चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ जो सीडीएस को रिपोर्ट करते थे, अब जनरल एमएम नरवणे को रिपोर्ट करेंगे।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के भी प्रमुख होते हैं और चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष होते हैं. डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स में जो दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी होते हैं वो एडिशनल सेक्रेटरी होते हैं. इस डिपार्टमेंट में एडिशनल सेक्रेटरी थ्री-स्टार मिलिट्री ऑफिसर होते हैं. अभी ये पद लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी के पास है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पास तीनों सेनाओं के प्रशासनिक मुद्दों का अधिकार होता है. 2019 में जब देश में पहली बार सीडीएस की नियुक्ति हुई थी, तो उस समय सरकार ने एक बयान जारी कर बताया था कि सीडीएस तीनों सेनाओं के मुद्दे को लेकर रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकार होंगे. जबकि, तीनों सेनाओं के प्रमुख अपनी सेवाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे. सीडीएस मिलिट्री कमांड नहीं दे सकते।

8 दिसंबर को हुआ था सीडीएस रावत का निधन :-

सीडीएस बिपिन रावत का निधन 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर हादसे में हो गया था. वायुसेना का Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 14 अधिकारियों को लेकर जा रहा था, तभी तमिलनाडु के कुन्नूर में चौपर क्रैश हो गया. इस हादसे में जरनल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एकमात्र जिंदा बचे थे, जिनका निधन भी 15 दिसंबर को हो गया।­

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