नीमच। जिला मुख्यालय नीमच तथा तहसील मुख्यालय मनासा, जावद एवं रामपुरा न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा प्रसारित निर्देशो के अनुरूप आज दिनांक 11 दिसंबर, 2021 (शनिवार) को नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ।
नीमच जिला न्यायालय परिसर में स्थित ए.डी.आर. सेंटर के सभागृह मे सादगी पूर्ण समारोह में मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प-माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर, माननीय प्रधान जिला न्यायाधिश राजवर्धन गुप्ता द्वारा नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। लोक अदालत शुभारंभ कार्यक्रम के उपरांत मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। प्रधान जिला न्यायाधीश राजवर्धन गुप्ता ने मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में व्यक्त किया कि मध्यस्थता ही विवाद के बीच सुलह का मैदान है। कोई भी विवाद हो, मध्यस्थता और उसके प्रति जागरूक करने वाले व्यक्ति की आवश्यकता होती है।
मध्यस्थता के प्रति जागरूकता होगी तो हम घर में और समाज में बैठक कर सुलह कर सकते हैं। न्यायालय में कोई भी पक्षकार खुशी से नहीं आते, मजबुर होकर आते है, परंतु मध्यस्थता प्रक्रिया अपनाकर पक्षकार राजीनामें की ओर आगे बड़ कर, खुश होकर घर जाता है।
कार्यक्रम को अभिभाषक संघ नीमच के अध्यक्ष विनोद शर्मा, अभिभाषक संघ के सचिव एवं मध्यस्थ अधिवक्ता शिवनारायण पाटीदार, न्यायिक कर्मचारी संघ के संरक्षक भगवती प्रसाद कौशल ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में जिला स्थापना के न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, अभियोजन अधिकारीगण, बैंक एवं अन्य विभागों के अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण, प्रेस-मीडियाकर्मी, पत्रकारगण एवं पक्षकारगणों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संजय कुमार जैन द्वारा किया गया।
उक्त कार्यक्रम के अपरांत गठित खंडपीठों में लोक अदालत की कार्यवाही, खंडपीठो के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा प्रारंभ की गई, जोकि सायं 5ः00 बजे तक चलती रही। माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश राजवर्धन गुप्ता द्वारा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नीमच संजय कुमार जैन के साथ जिला स्थापना गठित सभी लोक अदालत की खण्डपीठों में जाकर का कार्यवाहियों का अवलोकन किया गया।
नेशनल लोक अदालत में कुल 15 खण्डपीठों में न्यायालय में लंबित 2629 प्रकरणों को रैफर्ड किया गया था, जिनमें से 479 न्यायालय में लंबित प्रकरण लोक अदालत के माध्यम से निराकृत होकर 1154 व्यक्ति लाभान्वित हुये। उक्त लंबित प्रकरणों मे सेे मोटरयान दुर्घटना के 20 प्रकरण निराकृत हुये, जिनमें राशि रूपये 73,36,000 का अवार्ड पारित हुआ। न्यायालय में लंबित प्रकरणों में सबसे अधिक 274 चेक बाउन्स के प्रकरण (एन.आई. एक्ट धारा 138 से संबंधित प्रकृति के मामले) उक्त लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हुए, जिनमें कुल चैक राषि 28,29,59,005/-का निराकरण हुआ।
इसके अतिरिक्त 47 अपाराधिक शमनीय प्रकरण, 45 अन्य सिविल प्रकरण, तथा 24 पारिवारिक विवादो से संबंधित मामले, सहित कुल 479 न्यायालय में लंबित प्रकरण निराकृत हुये। नेशनल लोक अदालत में कुल 4372 प्रीलिटिगेशन प्रकरण रेफर्ड किये गये थे, जिनमें से 697 प्रकरण उक्त लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हुये तथा 71,57,591 रूपये की वसुली होकर, 701 व्यक्ति लाभान्वित हुये। स्मरणीय है कि इसके पूर्व वर्ष 2021 में 10 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 332 लंबित प्रकरणों में तथा 11 सितंबर, 2021 की नेषनल लोक अदालत में कुल 449 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया, जबकि इस लोक अदालत में पिछली बार से भी अधिक कुल 479 लंबित प्रकरणों का निराकरण में सफलता प्राप्त हुई है। इसी प्रकार वर्ष 2020 में आयोजित नेशनल लोक अदालतों में कुल 429 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया था, जबकि इस वर्ष 2021 में आयोजित नेशनल लोक अदालत में पिछले वर्ष से लगभग तीन गुना अधिक कुल 1260 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया है।