नीमच। रिटर्निंग आफीसर एवं सहायक रिटर्निंग आफीसरों की निर्वाचन कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। वे अपने दायित्वों को अच्छी तरह से समझ लें। उनका अधिनस्थ अमला उन पर ही निर्भर रहता है। अत: उन्हे समुचित मार्गदर्शन देते रहे।
निर्वाचन संबंधी अधिनियमों, नियमों और निर्देशों को स्पष्ट रूप से जानना, समझना, सभी आरओ, एआरओं के लिए बेहद जरूरी है। यह बात कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मयंक अग्रवाल ने गुरूवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में जिले के सभी रिटर्निग एवं सहायक रिटर्निग आफीसरों के एक दिवसीय त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन संबंधी प्रशिक्षण को सम्बोधित करते हुए कही।
इस मौके पर एडीएम एस.आर.नायर, संयुक्त कलेक्टर पी. एल. देवडा, सभी एस डी एम, तहसीलदार एवं रिटर्निग व सहायक रिटर्निंग आफीसर मौजूद थे।
इस प्रशिक्षण को सम्बोधित करते हुए एडीएम नायर ने कहा कि सभी अधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग निर्देशों का भलि-भांति अध्ययन करलें। उन्होनें कहा कि सभी अधिकारी निर्वाचन कार्य को गम्भीरता से लें। निर्वाचन कार्य में किसी भी प्रकार की त्रुटि या गलती क्ष्म्य नही होगी। प्रशिक्षण में डॉ.राजेश पाटीदार ने म.प्र.पंचायत निर्वाचन नियम-1995 के विभिन्न प्रावधानों की विस्तार से जानकारी देते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के प्रकाशनो, पीठासीन अधिकारियों, अभ्यर्थियों के लिए मार्ग दर्शिका, आयोग द्वारा प्रसारित निर्देशों का संकलन, आदर्श आचरण सहिंता मत पत्रों के मुद्रण के संबंध में निर्देश निर्वाचन कार्यक्रम प्रकाशित करने, मतदान केन्द्र का चयन व आवश्यक व्यवस्थाएं, मतदान केन्द्रों की सूची व आरक्षण की स्थिति का प्रकाशन, मतदान दलों का चयन नियुक्ति व प्रशिक्षण, रूट सेक्टर का निर्धारण, नाम निर्देशन पत्रों को प्राप्त करने, उनकी संविक्षा, विधिमान्य उम्मीदवारों की सूची तैयार का उसका प्रकाशन, मत पत्रों का मुद्रण, स्ट्रॉग रूम का चयन, सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति, परिवहन व्यवस्था, अभ्यर्थियों के अभिकर्ता, निर्वाचन सामग्री, मतदान अभिकर्ता की नियुक्ति, मत पत्रों का मुद्रण, प्रतिक आवंटन आदि बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
मास्टर ट्रेनर्स डॉ.राजेश पाटीदार ने प्रशिक्षण में निर्वाचन सूचना का प्रकाशन, आरक्षण की स्थिति का प्रकाशन, मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन, नाम निर्देशन पत्रों की प्राप्ति एवं वापसी का कार्य, नाम निर्देशन पत्रों की संविक्षा, नाम निर्देशन पत्र प्राप्ति के पूर्व की जाने वाली व्यवस्थाएं, नाम निर्देशन पत्रों के लिए प्रर्युक्त प्रारूप, अभ्यर्थी की जाति की पूष्टि, नाम निर्देशन पत्र के साथ लिये जाने वाले शपथ-पत्र एंव घोषण पत्र की प्रस्तुति, अदेयता प्रमाण पत्र, आदि बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक बताया।