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खेतों में फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषों, नरवाई (पराली) न जलाएं

neemuch headlines December 3, 2021, 6:25 pm Technology

नीमच। प्रदेश में फसल अवशेष जलाने को नियंत्रित करने, नरवाई जाने की घटनों को हतोत्‍साहित करने के लिए अर्थदण्‍ड का प्रावधान किया गया है। इनमें दो एकड से कम छोटे भूमिधारक पर प्रति घटना 2500 रूपये, दो एकड से अधिक, लेकिन 5 एकड से कम छोटे भूमिधाकर पर प्रति घटना पर 5 हजार, तथा 5 से अधिक भूमिधाकर पर प्रति घटना 15 हजार रूपये पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि अर्थदण्‍ड के रूप में अधिरोपित है।

पर्यावरण सुरक्षा हेतु मान.नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल के निर्देशानुसार प्रदेश में फसलों विशेषकर धान एवं गेहूं की फसलों को खेतों में जलाना प्रतिबंधित किया गया है। भारत सरकार की संस्था आईसीएआर क्रीम्‍स द्वारा देश में नरवाई (पराली) में आग लगाने की घटनाओं की सेटेलाईट के माध्‍यम से मॉनिटरींग कर जिले में दर्ज हुई घटनाओं की जानकारी, सूचना, प्रतिदिन संचालक, कृषि अभियांत्रिकी म.प्र.भोपाल द्वारा जिले को प्रेषित की जाती है। प्रदेश में बेहतर पर्यावरण, जन-स्‍वास्‍थ्‍य एंव जीव-जंतुओं के जीवन सुरक्षा के लिए खेतों में फसल अवशेष नरवाई जलाने की घटनाओं को नियंत्रित कर जागरूकता एंव प्रचार-प्रसार में ग्राम पंचायतों को भागीदारी एवं अन्‍य मैदानी विभागों के समन्‍वय से घटनाओं को नियंत्रित करने के हर-संभव प्रयास सुनिश्चित किये जावेगें।

खेतों में फसल अवशेष नरवाई जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए व्यापक एवं समग्र रूप से सार्थक प्रयास किये जावेगें, तथा उक्‍त निर्देशों के उल्‍लंघन पर व्‍यक्ति, निकाय को नोटिफिकेशन प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी।

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