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सावधान! फिर से संक्रमित कर सकता है Corona का Delta Variant, स्टडी में हुआ खुलासा

Neemuch Headlines October 16, 2021, 8:19 am Technology

नई दिल्ली। दिल्ली में इस साल कोरोनावायरस के गंभीर प्रकोप से पता चला कि सार्स-सीओवी-2 वायरस के किसी अन्य स्वरूप से पहले संक्रमित हो चुके लोगों को वायरस का डेल्टा स्वरूप पुन: संक्रमित कर सकता है।

वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने कहा कि वायरस के इस स्वरूप के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा क्षमता (हर्ड इम्युनिटी) का विकास बहुत चुनौतीपूर्ण है। पत्रिका ‘साइंस’ में बृहस्पतिवार को प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा स्वरूप दिल्ली में सार्स-सीओवी-2 के पिछले स्वरूपों की तुलना में 30 से 70 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक है।

दिल्ली में पिछले वर्ष मार्च में कोविड-19 का पहला मामला सामने आने के बाद शहर में जून, सितंबर और नवंबर 2020 में वायरस ने कहर बरपाया। इस वर्ष अप्रैल में तो हालात बेहद खराब हो गए जब 31 मार्च से 16 अप्रैल के बीच संक्रमण के दैनिक मामले 2000 से बढ़कर 20,000 तक पहुंच गए। इस दौरान अस्पतालों और आईसीयू में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बेहद दबाव में आ गई।

वायरस की पहले की लहरों की तुलना में मरने वालों की संख्या भी तीन गुना बढ़ गई। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि दिल्ली की कुल सीरो-संक्रमण दर 56.1 फीसदी है जिससे भविष्य में वायरस की लहर आने पर सामूहिक प्रतिरक्षा क्षमता के जरिए ही कुछ सुरक्षा मिलेगी। सामूहिक प्रतिरक्षा क्षमता से रोग से परोक्ष सुरक्षा मिलती है और यह तब विकसित होती है, जब पर्याप्त प्रतिशत आबादी में संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। हालिया अध्ययन में महामारी के प्रकोप को समझने के लिए जिनोमिक और महामारी विज्ञान संबंधी आंकड़ों और गणितीय मॉडल का उपयोग किया गया।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र तथा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (सीएसआईआर-आईजीआईबी) के नेतृत्व में यह अध्ययन कैंब्रिज विश्वविद्यालय, इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन और कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के सहयोग से किया गया। सह-अध्ययनकर्ता कैंब्रिज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रवि गुप्ता ने कहा कि वायरस के प्रकोप को खत्म करने के लिए सामूहिक प्रतिरक्षा क्षमता की अवधारणा बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन, दिल्ली में हालात दिखाते हैं कि कोरोना वायरस के पहले के स्वरूपों से संक्रमित होना डेल्टा स्वरूप के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा क्षमता प्राप्त करने के लिहाज से पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा कि डेल्टा स्वरूप के प्रकोप को खत्म करने या इसे रोकने का एक ही तरीका है, या तो इस स्वरूप से संक्रमण हो जाए या फिर टीके की अतिरिक्त खुराक ली जाए जिससे एंटीबॉडी का स्तर इस हद तक बढ़ जाए जो डेल्टा स्वरूप की बच पाने की क्षमता को ही खत्म कर दे।

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