सस्ते पेट्रोल-डीजल की उम्मीदें टूटीं, GST की बैठक में नहीं हुई कोई चर्चा

Neemuch Headlines September 17, 2021, 7:42 pm Technology

लखनऊ में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) काउंसिल की 45वीं बैठक खत्म हो गई है। बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने का प्रस्ताव नहीं रखा गया और न ही इस पर कोई चर्चा हुई। इससे देश में पेट्रोल और डीजल के भाव कम होने की उम्‍मीदें टूट गई हैं। बैठक में 48 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरों की समीक्षा हुई। बैठक में बायोडीजल पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी करने को मंजूरी मिली है।

मेटल पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने पर भी फैसला हुआ है। अभी बैठक को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाली हैं। सरकार ने 'एक देश-एक दाम' के तहत पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को GST के दायरे में लाने पर विचार किया था। बैठक में 48 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरों की समीक्षा हुई। इससे पहले पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के नाम पर कई राज्य इसके विरोध में खड़े हो गए थे। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल समेत ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे से बाहर ही रखने को कहा है। ऐसे में ये प्रस्ताव खारिज हो सकता है।

दरअसल, वित्तीय वर्ष 2019-20 में पेट्रोलियम पदार्थों से राज्य व केंद्र सरकार को 5.55 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसमें पेट्रोल व डीजल से ही सबसे ज्यादा राजस्व सरकारों को मिला।

देश में जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। इसके तहत केंद्र और राज्यों के अलग-अलग टैक्स को खत्म कर एक टैक्स जीएसटी लागू किया किया गया था। हालांकि पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन, नेचुरल गैस और कच्चे तेल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था। बैठक में 7 राज्यों के उप मुख्यमंत्री शामिल हुए।

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