नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की जिसे 'चिंतन शिविर' कहा गया। उन्होंने कहा कि सादगी ही जीवन जीने का तरीका है। बैठक में केंद्रीय मंत्रियों मनसुख मांडविया और धर्मेंद्र प्रधान द्वारा दक्षता व समय प्रबंधन पर प्रस्तुतियां दी गईं। उन्होंने कहा कि शासन में और सुधार के लिए ऐसे 4 और 'चिंतन शिविर' आयोजित किए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक ऐसे 4 और सत्र आयोजित किए जाएंगे जिनमें विभिन्न केंद्रीय मंत्री प्रस्तुतियां देंगे।
दोनों मंत्रियों ने समय प्रबंधन, दक्षता, समस्याओं के मूल कारणों का विश्लेषण और निजी कर्मचारियों के चयन पर अच्छी कार्य प्रणालियां साझा की। इसके अलावा कुछ बुनियादी मुद्दों जैसे लोगों के साथ व्यवहार करना, पत्रों का तुरंत जवाब देना भी उनकी प्रस्तुतियों में साझा किया गया। बैठक में मोदी ने मंत्रियों से अपने सहयोगियों की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने को कहा। दिवंगत केंद्रीय मंत्री मनोहर पर्रिकर को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सादगी ही जीवन जीने का तरीका है। मोदी ने गुजरात के दिनों को याद करते हुए भोज बैठकों के बारे में बात की, जहां हर कोई बैठकों में अपना-अपना भोजन लाता था और भोजन के साथ-साथ विचारों को भी साझा करता था। राष्ट्रपति भवन के सभागार में करीब 5 घंटे तक यह बैठक चली। सूत्रों ने कहा कि बैठक को 'चिंतन शिवर' कहा गया, जो दक्षता और शासन में समग्र सुधार के लिए एक चिंतन सत्र था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद की नियमित बैठकें करते हैं जिनमें विभिन्न मंत्रालय महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्तुतियां देते हैं।
बैठकें मंत्रियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से खुद को अपडेट रखने में भी मदद करती हैं।