Latest News

सीएम शिवराज और केंद्रीय मंत्री तोमर पहुंचे श्याेपुर, 1677 बाढ़ पीड़िताें के खातों में किए 1.83 करोड़ रुपये ट्रांसफर

Neemuch headlines August 19, 2021, 7:28 pm Technology

सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज ग्वालियर-चंबल अंचल के बाढ़ से प्रभावित हुए क्षेत्रों का दौरा करने के लिए श्याेपुर पहुंचे। श्याेपुर जिला मुख्यालय से वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने ग्वालियर-चंबल संभाग एवं प्रदेश के अन्य जिलों के बाढ़ प्रभावित परिवारों से बातचीत भी की है। इस दाैरान ग्वालियर जिले के 1677 बाढ़ प्रभावित लोगों के बैंक खातों में 1.83 करोड़ रुपये की राहत राशि ट्रांसफर की गई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिए लाेगाें से चर्चा के दाैरान राहत कार्याें के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही आटा एवं घाेषणा के अनुसार अन्य सामग्री अब तक लाेगाें काे मिली या नहीं इसके बारे में भी लाेगाें से पूछा। इस दाैरान सिंगल क्लिक के जरिए सभी जिलाें के बाढ़ प्रभावित परिवाराें के खाताें में 23 करोड़ 19 लाख रुपये की राहत राशि भी पहुंचाई गई है।

मुख्यमंत्री के साथ केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी श्योपुर में मौजूद हैं। ग्वालियर जिले में बाढ़ से प्रभावित 2734 लोगों को अब तक 2 करोड़ 57 लाख रुपये की राहत दी जा चुकी है।

मंत्री परिषद ने दी पाम आयल मिशन काे मंजूरीः-

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह ताेमर ने कहा कि अभी कल ही मंत्री परिषद ने आयल का उत्पादन देश में बढ़े इसके लिए पाम आयल मिशन काे मंजूरी दी है। इस याेजना पर 11 हजार कराेड़ रुपये का व्यय आएगा। पाम आयल की खेती के लिए लगभग 28 लाख हेक्टेयर भूमि चिन्हित है, जिसमें 9 लाख हेक्टेयर नार्थ ईस्ट में है। नार्थ ईस्ट काे फाेकस करके ही इस याेजना काे बनाया गया है।

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह ताेमर ने श्याेपुर जाने से पहले ग्वालियर में पत्रकाराें से चर्चा के दाैरान यह बात कही। उन्हाेंने कहा कि पाम आयल की खेती में खास बात यह है कि जब व्यक्ति पाैधा लगाता है ताे उसे पांच साल तक इंतजार करना पड़ता है, इसके बाद ही क्रॉप आती है। जबकि तेल के दाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर ऊपर नीचे हाेते रहते हैं। जिसके कारण कई बार किसानाें काे नुकसान हाे जाता है। अब सरकार ने तय किया है कि पाम का पांच साल का औसत मूल्य निकालकर दाम तय कर दिए जाएंगे। इसके बाद बाजार में उतार चढ़ाव आने पर यदि दाम कम हाेंगे ताे अंतर की राशि का भुगतान भारत सरकार करेगी।

Related Post