पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आज, 18 अक्तूबर को धनतेरस मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने से जुड़ा है। मान्यता है कि इसी तिथि को समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आज, 18 अक्तूबर को धनतेरस मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने से जुड़ा है। मान्यता है कि इसी तिथि को समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस कारण इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करने का विधान है। इसके प्रभाव से जातकों को आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही उसके धन-धान्य में भी वृद्धि होती हैं।
हिंदू धर्म में धनतेरस को सोना-चांदी, बर्तन, वाहन, झाड़ू और अन्य सभी वस्तुओं की खरीदारी के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली का आगमन होता है। परंतु वस्तुओं की खरीदारी शुभ मुहूर्त में करना मंगलकारी होगा। ऐसे में आइए इस दिन के महत्व और मुहूर्त को जानते हैं। पंचांग के मुताबिक कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्तूबर को दोपहर 12:18 मिनट पर प्रारंभ हो होगी। इस तिथि का समापन 19 अक्तूबर को रविवार दोपहर 1:51 मिनट पर होगा। इसलिए इस बार 18 अक्तूबर 2025 को धनतेरस का पर्व मान्य होगा, जिसे आज देशभर में मनाया जा रहा है।
धनतेरस शुभ मुहूर्त 2025 :-
धनतेरस पर पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 8:50 से सुबह 10: 33 तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त - सुबह 11: 43 मिनट से दोपहर 12: 28 तक रहने वाला है। तीसरा मुहूर्त- शाम 7 : 16 मिनट से रात 8: 20 मिनट तक मान्य है।
सोना-चांदी खरीदने का शुभ समय :-
ज्योतिषियों के मुताबिक धनतेरस पर सुबह 08 बजकर 50 मिनट से लेकर 10 बजकर 33 मिनट तक खरीदारी का शुभ मुहूर्त रहेगा।
धनतेरस पूजा मुहूर्त :-
धनतेरस को शाम 7 बजकर 16 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट तक पूजा का शुभ समय रहने वाला है। आप इस अवधि में भगवान गणेश, कुबेर महाराज और देवी लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।