चीताखेडा।भारतीय संस्कृति की परम्पराओं के मुताबिक पति की दीर्घायु लंबी उम्र एवं सुख समृद्धि के लिए हाथों पर मेहंदी लगाकर 16 श्रृंगार कर सुहागिन महिलाओं ने पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर सुहाग के सभी आभूषण खुद ने धारण कर दुल्हन की तरह रंग-बिरंगे वस्त्र धारण कर चांद को अर्ध्य देकर विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद पति के हाथ से करवे के जल पानी पीकर सामंजस्य और रिस्ते की उष्मा से दमकता करवा चौथ व्रत खोला।
इस अवसर पर शुक्रवार को सुहागिनों ने चौथ माता व्रत पूरी आस्था,श्रृद्धा एवं भक्ति के साथ किया गया। दीन में सुहागिनों ने चौथ माता की कथा का श्रवण किया।
सुहागिनों ने अपनी सास (सासू)को करवा भेंट कर उनके पैर छुकर आर्शीवाद लिया। पूजा में रोली मोली ,बिंदी, सिंदूर,अक्षत सहित कई अन्य सुहाग की वस्तुएं रखी गई।चंद्रमां के दिदार हेतु सुहागिन महिलाएं मकानों की छतों पर चढ़कर अपनी निगाहें टकटकी लगाए बड़े ही बैसब्री से इंतजार करते हुए देखीं गई।
जैसे ही चांद के दर्शन हुए चांद की तरह सुहागिन महिलाओं के चेहरे खिल उठे।इस करवा चौथ के पर्व पर पत्नियों द्वारा भारतीय संस्कृति परंपरानुसार दिन भर निर्जलव्रत रख कर पति की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए कामनाएं की,
इस मौके पर पतियों द्वारा अपनी -अपनी पत्नियों द्वारा अपनी -अपनी सामर्थ्य अनुसार पत्नियों को तोहफे दिए गए।