चीताखेडा। दस दिवसीय शारदेय नवरात्र पर्व के छठे दिन शनिवार को ग्रामीण अंचल में आराधिकाओं पर गरबों का खुमार पूरी तरह चरम पर हैं। व्रत और उपवास भारतीय सनातन संस्कृति में अश्विन मास एक विशेष स्थान रखता है। व्रतों का उद्देश्य व्यक्ति को नैतिक व धार्मिक मार्ग पर चलाता है। घर में देवी पूजन के लिए जवारे लगाए जाते हैं और अखंड ज्योत प्रज्वलित की जाती है पारण यानी पूजन की पूर्णता पर कन्या भोज कराया जाता है। कोई नंगे पांव तो कोई निराहार तो कोई उपवास सभी आराधक अपने -अपने स्तर पर पाठ पूजा अर्चना भक्ति कर माता रानी को रिझाने में लगे हुए हैं। शाम ढलते ही गरबा पंडालों में डीजे की स्वरलहरियों पर उठती गुजराती गरबों के स्वर माहौल के साथ माता के भक्ति गीत सुनाई देने लगते हैं।मंदिरो के साथ ही पंडालों में माता की आरती के बाद शुरू हो जाता हैं
आराधिकाओं के गरबों का दौर । गरबा पंडालो में आयोजकों द्वारा आकर्षक विद्युत सज्जा कर सजाया गया है। वहीं रात के 9 बजते ही पंडालों में डांडिया की खनक सुनाईं देने लगती हैं।आराधिकाए सज-धजकर पंडाल में पहुंचती हैं और मां कीआराधना में लीन होकर गरबा नृत्यों में मग्न हो जाती हैं ।बस स्टेण्ड के पास कारा बावजी चौक, राजीव कालोनी के अलावा अन्य ग्रामीणों में गरबा महोत्सव समिति के तत्वावधान में नवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में प्रतिदिन मां की आरती के उपरान्त पारम्परिक गरबों का आयोजन किया जा रहा हैं। शनिवार को कारा बावजी चौक पर आयोजित गरबा पंडाल में रात्रि 9 बजे गरबा पंडाल में सामाजिक कार्यकर्ता राजाबाबू जैन द्वारा मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थिति होकर मां दुर्गा को द्विप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर मां की विशेष आरती की। तत्पश्चात् गरबा उत्सव समिति के वरिष्ठ रजनीश दक, नागेश्वर जावरिया, यतिंद्र बसेर, सुनील शर्मा, शेलेन्द्र सगरावत, आशिष बसेर, द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। पारम्परिक गुजराती व राजस्थानी परिधान पहनकर युवक युवतियां मां की आराधना करते हुए नृत्य गरबा डांडिया खेलने और अपनी पारम्परिक संस्कृति से जुडने का सुनहरा अवसर पर माता के पंडाल में सजधजकर .. ऊंचे पहाड़ों से उतर कर नीचे आओ मां कभी मंदिर से मेरे घर भी आओ मां.., अंगना पधारों महारानी मां शारदा भवानी..,चरड चरड म्हारी चकडोर चाले..,म्हारे महाकाली के द्वारे ढोल बाजे..,सवामण सोनो लायौ सोनिणो...आदि डीजे साउंड पर गरबा पंडाल में माता रानी के गीतों की मधुर धुनों पर शानदार नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह रहे हैं। वहीं देर रात hu तक श्रद्धालुओं की भीड़ गरबा पंडाल में गरबा नृत्य को निहार रहे हैं। चोर उचक्कों, मनचलों व शातिर बदमाशो एवं आशिक मिजाज के मनचलोंपर दृष्टि रखने हेतु सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।